जानिए कौन थे सर्वोदय कार्यकर्ता प्रभाकर शर्मा, जिन्होंने इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में आत्मदाह कर लिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार पर पशुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे शासन में ज़िंदा रहने की बजाए वो कीड़ा-मकोड़ा बन कर मल-मूत्र में रेंगना पसंद करेंगे।
चुन्नी भाई और मुक्ताबेन ने अपनी पूरे जीवन की कमाई अपने बेटे पीयूष का जीवन सुधारने में लगा दी, लेकिन अंत में पीयूष ने उनका हाल ऐसा किया कि उन्हें मौत को गले लगाना पड़ा।