बशीर अहमद की गिरफ्तारी बेहद अहम सफलता मानी जा रही है। अनुच्छेद 370 के निष्क्रिय होने के बाद 8 अगस्त 2019 को आंचर इलाके में हुए विरोध-प्रदर्शन में उसकी मुख्य भूमिका थी।
पंजाब पुलिस ने जब इस मॉड्यूल को चला रहे लखविंदर सिंह और उसके अन्य साथियों से पूछताछ की तो यह पता चला कि उन लोगों को शामली ज़िले का राज सिंह नामक व्यक्ति हथियारों के साथ दस हैंड ग्रेनेड, 1 पिस्टल और 20 कारतूस की सप्लाई देने वाला था।
मोहम्मद शब्बीर अहमद बिहार में आतंकवाद का स्लीपर सेल चलाने वाला एक मदरसा संचालक है। उस पर मोहम्मद खालिद नाम के एक बच्चे को अगवा कर आतंकी बनाने का आरोप है। शब्बीर 9 सितंबर को खालिद को लेकर लापता हो गया था।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान स्थित लश्कर के मुख्यालय से पैसा दुबई भेजा जाता था। दुबई में बैठा हैंडलर हवाला कारोबार के जरिए यह पैसा भारत में भेजता था। इस पैसे को जावेद और उसके साथी लश्कर के नए एजेंट बनाने के लिए प्रयोग करते थे।
अचानक शुरू हुई फायरिंग पर सुरक्षा बलों ने पहले तो आतंकियों को समर्पण के लिए कहा। इसके बाद भी फायरिंग नहीं रुकी तो सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मुँहतोड़ जवाब दिया और दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।
नेपाल के रास्ते 7 आतंकवादी उत्तर प्रदेश में घुस चुके हैं। ये सभी पाकिस्तानी आतंकवादी हैं, जिन्हें अयोध्या में आतंक फैलाने के लिए भेजा गया है। सम्भावना है कि ये अयोध्या, फ़ैजाबाद और गोरखपुर में छिपे हो सकते हैं। सात में से पाँच आतंकियों की पहचान भी हो गई है।
चन्ना पिछले महीने से लापता था। वह सज्जाद हैदर के नेतृत्व वाले लश्कर गुट के लिए काम करता था। यह गुट मजदूरों की हत्या सहित कई आतंकी वारदातों में संलिप्त रहा है।
लश्कर ने इन कैंपों के लिए आतंकियों की भर्ती भी शुरू कर दी है। भर्ती स्वात घाटी के पास पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से सटे कबीलाई इलाकों, पेशावर, क्वेटा और इलाका-ए-घैर में की जा रही है।
NIA ने यह छापेमारी हिन्दू संगठनों के दो नेताओं की हत्या के मामले में की है। जानकारी के अनुसार दोनों ही नेताओं की हत्या की योजना कथित रूप से इस्लामिक स्टेट- स्टाइल ग्रुप ने रची थी, जिसके बाद NIA ने यह छापेमारी की है।