स्टिंग ऑपरेशन में मिर्ज़ा ख़ुद यह कहते हुए दिखे कि वे तृणमूल कॉन्ग्रेस के कई मंत्री, सासंद, विधायक व नेताओं के काफ़ी क़रीबी हैं। नारद न्यूज़ पोर्टल ने जो स्टिंग ऑपरेशन किया था, उसमें मिर्ज़ा को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते देखा गया था।
छापेमारी के दौरान ईडी ने लेनदेन से संबंधित कई कागजात, डिजिटल सबूत के साथ ही संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। इस साल के शुरुआत में केडी सिंह से संबंधित अल्केमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड कंपनी की 239 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा सहित चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने इस साल झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में और जनवरी 2020 में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन को सुधारने का मौका माँगा।
पुलिस ने इस बंद के दौरान अब तक उत्तर 24 परगना में 13 भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि टीएमसी के उत्पात पर अभी पुलिस द्वारा लिए गए एक्शन की कोई खबर नहीं आई है।
मृतका के पति के अनुसार लंबे समय से तृणमूल के दो गुटों में रस्साकशी चल रही थी। इसकी वजह से वह घर छोड़कर कहीं और रह रहा था। शनिवार की रात तृणमूल यूथ विंग के स्थानीय कार्यकर्ता उसकी तलाश में पहुँचे और उसकी पत्नी से गैंगरेप किया।
अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि बैरकपुर के पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने उनके सिर पर लाठी से मारा और गालियाँ दी। सिंह ने कहा कि उनके आवास पर भी पुलिस और तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमला किया। उनके सिर में 12 टाँके लगे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ भाजपा में आए अर्जुन सिंह पर पहले भी हमले हो चुके हैं। इसी साल 25 जुलाई की रात उनके घर पर बम फेंके गए थे। आम चुनावों के दौरान भी टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें निशाना बनाया था।
"वह लोगों से बातचीत कर रहे थे। उसी समय स्थानीय पार्षद के नेतृत्व में करीब 250 तृणमूल गुंडे एकत्र हुए और उन पर हमला कर दिया। उन्हें बचाने की कोशिश में भाजपा के दो कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।"
कई राजनेताओं ने केंद्र सरकार के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि ये भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता और उसके लोगों के कल्याण के हित में लिया गया फैसला है। हालाँकि, इनमें से सभी नेता अपनी पार्टी के रुख का खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं।