इन टीमों के कार्यक्षेत्र में हॉटस्पॉट्स, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर, आपदा प्रबंधन, राज्यों की सहायता, लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति......
“हमें ब्लड प्रेशर की दवा नहीं मिल रही है। इस क्षेत्र में पुलिस बहुत सख्त है। सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं है। मेरे पिता बुजुर्ग हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं। मुझे इस बात का भी भरोसा नहीं है कि मुझे मेरा अगला वेतन मिलेगा या नहीं।”
"सरकार हमें काम करने की अनुमति नहीं दे रही है। क्या अब हम भूख से मरने वाले हैं? हम जानते हैं कि हमने आंदोलन के लिए इतने सारे लोगों को इकट्ठा करके अपने जीवन को जोखिम में डाला, लेकिन कोई विकल्प नहीं था।"
जर्नलिस्ट चित्रा त्रिपाठी आजतक का शो एंकर कर रही थीं। उन्होंने अपने शो में कह दिया कि ममता बनर्जी ने राज्य में लॉकडाउन को इस महीने की 40 तारीख तक बढ़ा दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के उल्लंघन और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन नहीं होने पर जवाब मॉंगा है। कहा है कि राज्य में गैर जरूरी चीजों की दुकाने खोलने और मजहबी जमावड़े के लिए इजाजत दिए जाने की सूचना मिली है। राशन प्रशासन की बजाए नेता बॉंट रहे हैं।
सर्वे के अनुसार देश के 78 फीसदी लोगों ने लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का समर्थन किया है। शहरी क्षेत्रों में 82 फीसदी लोगों ने इसका समर्थन किया जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 74 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में अपना मत दिया।
मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान मक्का-मदीना है। कोरोना के संकट काल में मक्का-मदीना तक बंद है, लेकिन भारत में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग ये मानने को तैयार नहीं हैं कि कोरोना से उन्हें कोई खतरा है।