इस बैठक में पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही कई दिग्गज नेता के शामिल हेने की सूचना है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री मोदी के बीच होने जा रही ये मुलाक़ात इसलिए भी अहम है, क्योंकि 4 सालों में ये पीएम मोदी का संघ मुख्यालय का पहला दौरा है।
अभी हाल ही में सीपीएम और डीवाईएफआई के गुंडों ने चुनावी कैंपेनिंग पर आपत्ति जताते हुए कासरगोड के भाजपा प्रत्याशी रवीश तांत्री कुंतारु के साथ मारपीट की थी।
कभी विपक्ष को एकजुट करके रैली निकालने वाली ममता बनर्जी आज खुद कॉन्ग्रेस पर चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद लेने का आरोप लगा रही है। उनके अनुसार जंगीपुर में अभिजीत मुखर्जी के लिए और बहरामपुर में अधीर चौधरी के लिए RSS प्रचार कर रही है।
आरएसएस नेता और उनके गार्ड पर हुए हमले में हमलावर आतंकी की पहचान कर ली गई है। साथ ही हत्या में इस्तेमाल की गई कार को भी जब्त कर लिया गया है।जानकारी के मुताबिक, मामले में गुलाम मोहम्मद सागर के बेटे जाहिद हुसैन सागर की पहचान आरोपी के तौर पर की गई है।
यह हमला अस्पताल की ओपीडी में किया गया। जहाँ आरएसएस नेता/चिकित्सा सलाहकार चंद्रकांत अपने बॉडीगॉर्ड के साथ मौजूद थे। जैसे ही यह हमला हुआ अस्पताल के भीतर हुआ वहाँ अफरा-तफरी मच गई।
भाजपा में एक साधारण कार्यकर्ता नेता बन सकता है, नेता से क्षत्रप, क्षत्रप से राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री तक बन सकता है, लेकिन वह चाहकर भी पार्टी को हायजैक नहीं कर सकता है, चाहे वह कितना भी कद्दावर बना रहे।
आज के समय में कॉन्ग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी त्रासदी ये है कि उनके सबसे वरिष्ठ और 'कद्दावर पार्टी अध्यक्ष' का NDA सरकार को घेरने के लिए सबसे बड़े सबूत फोटोशॉप्ड तस्वीरें और ''किसी ने कहा है" होते हैं।
प्रभाकर पर इल्जाम है कि उन्होंने अपनी पूँजी को बढ़ाने के लिए एक शाही परिवार के नाम का इस्तेमाल किया है लेकिन नेशनल हेराल्ड ने इस ख़बर को जो एंगल देकर पेश किया उसमें साफ़ है कि वह विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस की छवि को धूमिल करने के लिए प्रयासरत है।
इस के तहत भारत में दलित, मुस्लिम, सिख, और क्रिश्चियन समुदाय के लोगों को भड़का कर देश को टुकड़ों में बांटना था। पाक को आंशिक सफलता मीडिया के एक ख़ास वर्ग और लिबरल लॉबी से मिली, जो मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में लगी रहती है।