यदि आवेदक का सोशल मीडिया अकाउंट राष्ट्र विरोधी और भड़काऊ सामग्री से लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट लगाकर आवेदन रद्द कराने की संस्तुति की जा सकती है।
यदि कोई पुलिसकर्मी ऐसे प्रयासों के दौरान चोटिल हो जाए तो जिम्मेदार किसे माना जाएगा? क्या इस तरह कोई प्रदर्शन हो रहा है? भारत में पुलिस की जान की कोई कीमत नहीं है क्या?
चीनी कंपनियों के साथ व्यापार और ग्लोबल टेंडर प्रकिया में उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार की ही नीति अपनाने का फैसला किया है। जिसके तहत अब राज्य में होने वाले किसी भी ग्लोबल टेंडर में चीनी कंपनियाँ शामिल नहीं हो पाएँगी।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि संसद के पास मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की कोई शक्ति नहीं है और यदि यह अध्यादेश लागू किया जाता है तो यह बड़े पैमाने पर जनता को नुकसान पहुँचाएगा और समाज में अराजक स्थिति पैदा करेगा।