बताया जा रहा है कि रिपब्लिक टीवी ने NDTV के संकेत को कुल ₹500 दिए हैं और उसका प्रूफ भी माँगा। उसी चक्कर में ब्लर कर के तस्वीर शेयर की गई है। ऐसा गुप्त सूत्रों ने बताया है।
प्रतीक सिंहा का तर्क है कि गुजरात के गृहमंत्री को NDTV द्वारा फैलाई गई साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील फेक न्यूज़ पर उन्हें दण्डित करना 'गलत प्राथमिकता' का चुनाव है।
जैसे ही ये खबर NDTV पर आई, प्रोपेगंडा पोर्टलों ने इसे उठा कर प्रकाशित करना शुरू कर दिया। लेकिन, किसी ने भी स्टोर के मैनेजर या किसी कर्मचारी से बयान लेने की जहमत नहीं उठाई।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि एनडीटीवी एंकर ने सभी तथ्यों को छिपाते हुए एक कहानी रचने की शरारतपूर्ण कोशिश की है। क्योंकि चाँद बाद में पत्थरबाजी 23 फरवरी को सुबह 11 बजे शुरू हो गई थी।