चीनियों के अलावा 4-4 मौलवी किर्गिस्तान और कजाकिस्तान से हैं। इन्होंने बताया है कि ये करीब एक महीने से भारत में हैं और कई मस्जिदों में पनाह ले चुके हैं। जहॉं से इन्हें पकड़ा गया उस मस्जिद में ये बीते पॉंच दिन से ठहरे थे।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, और छत्तीसगढ़ के बाद अब झारखंड के कॉन्ग्रेसी विधायकों में असंतोष की खबर सामने आ रही है। इससे झारखंड में राज्यसभा की चुनाव रोचक हो गया है। प्रथम वरीयता के दो वोट सहयोगी दल को देकर जेएमएम भी किरकिरी से बचना चाहती है।
गाँव के लोग मोहम्मद सरफराज को पुलिस के हवाले करने के बजाए पंचायत ले गए। पंचायत का फैसला आश्चर्यजनक रहा। फैसले के अनुसार, सरफराज को टकला करके जूते-चप्पल की माला पहनाकर गाँव में घुमाया गया और फिर छोड़ दिया गया। पीड़िता के पिता केस करना चाह रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने मना कर दिया।
पीड़िता छठी में पढ़ती है। उसके पिता की मौत हो चुकी है और अपने मामा के घर रहती है। दो मार्च को समीर खान व समी खान ने उसे जबर्दस्ती पकड़ लिया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद से ही दोनों फरार हैं।
आरोपित मौलाना तीन बच्चों का बाप है। वह अपने घर में ही मदरसा चलाता था। मामले को दबाने के लिए उसने बच्ची का जबरन गर्भपात करवाया। उसके परिजनों से सौदा करने की कोशिश की।
राँची में आयोजित विशाल कार्यक्रम में पूर्व सीएम की हुई घर वापसी। बकौल शाह, 2014 में बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद भी उन्होंने मरांडी को पार्टी में लाने का प्रयास किया था।
सबूत मिटाने के लिए आरोपित ने दोनों माँ-बेटी के शव को टंकी में डाल दिया और फिर शव को जल्दी सड़ाने के लिए टंकी में सोडा-नमक भी डाल दिया। अगले दिन उसने मकान मालिक को दोनों माँ-बेटी के गायब होने की जानकारी दी और उन्हें तलाश करने के नाम पर वहाँ से भाग गया।
इस बार विद्यालय के बच्चों ने सरस्वती पूजा को लेकर ब्लॉक ऑफिस और स्थानीय पुलिस स्टेशन में आवेदन दिया। इसके बाद प्रशासन ने सरस्वती पूजा के एक दिन पहले ही विद्यालय में जवानों की तैनाती कर दी।
नीरज प्रजापति की मृत्यु तब हुई जब उनके सर पर CAA के समर्थन में लोहे की रॉड से हमला किया गया। पुलिस का कहना है कि उनकी मृत्यु इस चोट की वजह से अत्यधिक खून बहने और घाव पर सेप्टिक होने से हुई।
सीएए के समर्थन में आयोजित रैली में शामिल नीरज प्रजापति मुस्लिमों की हिंसा का शिकार बने थे। परिजनों ने ऑपइंडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासन ने जल्दी-जल्दी अंतिम संस्कार कराने के चक्कर में धार्मिक रीति-रिवाज भी पूरा नहीं करने दिया।