Saturday, November 23, 2024

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दलित

कश्मीर के बारे में आपको नैरेटिव के दलालों ने ये बताया था क्या?

इन लोगों से ये वादा किया गया कि इन्हें स्थायी नागरिक का दर्जा दिया जायेगा। मगर इस स्थायी नागरिकता के साथ शर्त ये थी कि आने वाले परिवार और उनकी आगे की पीढियाँ सिर्फ सर पर मल ढोने का काम ही करेंगी। और वो शर्त आज भी लागू है।

जिस जगह पर दलित महिला MLA ने किया विरोध-प्रदर्शन, कॉन्ग्रेसियों ने उसे गोबर से धोया

"विधायक गीता गोपी के खिलाफ जातिवादी भेदभाव चौंकाने वाला है। यह आपराधिक और बेहद निंदनीय है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने उस स्थान पर गाय का गोबर-मिश्रित पानी डाला, जहाँ लोकतांत्रिक ढंग से विरोध-प्रदर्शन किया गया।"

दलित युवक की बाइक से मुस्लिम महिला को लगी टक्कर, उमर ने इतना मारा कि हो गई मौत

हरीश जाटव मंगलवार को अलवर जिले के चौपांकी थाना इलाके में फसला गाँव से गुजर रहा था। इसी दौरान उसकी बाइक से हकीमन नाम की महिला को टक्कर लग गई। जिसके बाद वहाँ मौजूद भीड़ ने उसे पकड़कर बुरी तरह पीटा।

‘हिन्दू’ और ‘इनटॉलेरेंस’ का रोना रोने वालों, पहले दलितों को बाल कटाने का अधिकार तो दिला दो

छुआछूत हिन्दू समाज को उसी पायदान पर खड़ा करता है जिस पर समुदाय विशेष पर्दा, हलाला, बुरका और तीन तलाक के चलते खड़े हैं- इंसान से उसकी गरिमा का हक छीनने वाला चाहे तीन तलाक हो, हलाला हो, या छुआछूत, वह बराबर निंद्य है।

दलित की दाढ़ी से तौलिए गंदे होंगे, फिर दूसरे मजहब वाले कैसे बाल बनवाएँगे: रियाज़, इशाक़, जाहिद के खिलाफ FIR

"इस गाँव में 95 प्रतिशत दूसरे मजहब से हैं। आज दलित नाई की दुकान में जाने की माँग कर रहे हैं, कल को शादी-घर बुक करने की माँग करेंगे। ये लोग यहाँ अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यहाँ दशकों से शांति बनी हुई थी। इस मामले को गलत मक़सद से हवा दी जा रही है।"

मुस्लिम भीड़ द्वारा दलित की बेरहम पिटाई, अमेठी पुलिस ने की पुष्टि: वीडियो Viral पर मीडिया गिरोह में चुप्पी

अमेठी में एक दलित व्यक्ति शशांक को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पीटा। इस दौरान शशांक के साथ-साथ उसके भाई और पत्नी को भी चोटें आईं थीं। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ। अमेठी पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है। लेकिन मीडिया गिरोह में चुप्पी है, स्क्रीन काली नहीं की गई है।

मुरादाबाद के एक गॉंव में नाइयों की दादागिरी, दलितों की बाल-दाढ़ी बनाने से इनकार

गाँव के दलित समुदाय के बुजुर्गों का कहना है कि यह भेदभाव वे अरसे से झेलते आ रहे हैं। लेकिन, चाहते हैं कि उनकी नई पीढ़ी को इससे आजादी मिले। इसलिए जाति के आधार पर भेदभाव अब खत्म होना चाहिए।

‘दलित’ दूल्हे को राजपूत समाज ने दी घोड़ी, बारात में लगाए ठुमके

गाँव में ये बात पता चलने के बाद राजपूत फौरन इसके लिए तैयार हो गए और खुद आगे बढ़कर दूल्हे को घोड़ी उपलब्ध करवाई। साथ ही वो उसके विवाह कार्यक्रम में भी शरीक हुए। इससे दूल्हे के परिजन काफी खुश हो गए।

प्रिय मीडिया गिरोह, हर दलित जीतेन्द्र की मौत जातिवाद के कारण नहीं होती

सामाजिक समारोह में इस प्रकार की झड़प और हिंसा जौनपुर-जौनसार में आम बात है और यही वजह है कि समय-समय पर यहाँ पर 10-15 गाँव मिलकर शादी-विवाह में शराब और DJ को प्रतिबंधित करते आए हैं लेकिन ऐसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होना बेहद चौंकाने वाला प्रकरण है।

लोकतंत्र का लहसुन: रावण से रा.टू होने तक मायावती का मनुवादी होना ज़रूरी है

हिंसक आंदोलनों की नाजायज़ औलादें, लाशों पर पैर रख कर संसद तक पहुँचती है। ऐसी भीड़ें ही इन नाजायज़ बच्चों को जनती है जो बाद में इन्हीं के लिए बने संसाधनों को पत्थर से बने पर्स में, और पार्कों के पिलर पर बने हाथियों में खपा देते हैं।

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