रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने इन 32 दिनों में बालाकोट का हुलिया बदलकर दुनिया को ऐसा दिखाने को कोशिश की है, जैसे कि ये कोई आम मदरसा है।
भारत की कार्रवाई से डरे पाकिस्तान ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 4 आतंकी कैंपों को बंद कर दिया गया है। इस बात का खुलासा मीडिया रिपोर्ट्स में किया गया है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि बीते 50 सालों में पाकिस्तान में बसे 90% हिंदू देश छोड़ चुके हैं। ऐसे में भारत में बैठे पाक अकुपाइड पत्रकार के मीडिया गिरोहों को इमरान खान के लिए शान्ति के नोबल पुरस्कार की अपील करने से पहले इस तरह के आँकड़ों पर भी ध्यान देना चाहिए।
शैव सम्प्रदाय की शुरुआत करने वाले आदि शंकराचार्य और वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक रामानुजाचार्य दोनों ने ही यहाँ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की थीं। शंकराचार्य यहीं सर्वज्ञपीठम पर बैठे तो रामानुजाचार्य ने यहाँ ब्रह्म सूत्रों पर अपनी समीक्षा लिखी थी।
कश्मीरी बच्चे की यह कविता देश और बाकी दुनिया के लिए संदेश है कि जिस भारत के सीने को पाकिस्तान हमेशा से ही छलनी करता आया है, उसकी असलियत तो बच्चे भी जानते हैं।
जो पाकिस्तान ख़ुद अपनी कथनी-करनी की मंशा को पाक-साफ़ रखने में अक्षम है वो भारत के ख़िलाफ़ अपनी प्रतिक्रिया देने की हिमाक़त किस मुँह से करता है उसकी दाद देनी चाहिए।
इमरान खान का ये बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान पर मोदी सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में अमेरिकी सचिव माइकल आर पोम्पिओ ने भी भारत में हुए पुलवामा हमले को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दूसरी बार भारत में आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान के लिए काफी दिक्कत हो सकती है।
“अगर पाकिस्तान की ओर से इन संगठनों के खिलाफ कोई ठोस एवं गंभीर प्रयास नहीं होते हैं तो कोई भी अन्य हमला पाकिस्तान के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है और यह क्षेत्र में फिर से तनाव बढ़ने का कारण भी बन जाएगा।”