'लुक आउट नोटिस' को नज़रअंदाज़ कर लंदन भागने की कोशिश करने वाली रौशनी ने ईडी और सीबीआई का शक और गहरा कर दिया कि दाल में ज़रूर कुछ काला है। रौशनी को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया। 'यस बैंक' से लोन दिलाने के एवज में भारी रक़म वसूली जाती थी।
'यस बैंक' के संस्थापक की तीनों बेटियों पर आरोप है कि उनके नाम से कई कम्पनियाँ चलती हैं, जो दूसरी कंपनियों को 'यस बैंक' से लोन दिलाने के एवज में मोटी रकम वसूलती थीं। तलाशी अभियान के बाद मिले दस्तावेजों के आधार पर राणा कपूर के ख़िलाफ़ एक और अलग मामला दर्ज...
जब यादव सिंह चीफ इंजीनियर थे, तब कुल 116.39 करोड़ का टेंडर 5 प्राइवेट फर्म्स को जारी हआ था। CBI का आरोप है कि गुल इंजीनियरिंग के मालिक जावेद अहमद, यादव सिंह के पुराने और करीबी दोस्त हैं। इस कंपनी को नियमों का उल्लंघन करके टेंडर दिया गया था।
माधव से पूछताछ की जा रही है कि वो किसके कहने पर रुपए लेता था और उस रकम को कैसे और कहाँ आगे बढ़ाया जा रहा था। सीबीआई ने माधव के अनेक ठिकानों पर छापेमारी की है और अब तक वहाँ से नगदी समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
सीबीआई की चार्जशीट में बताया गया है कि रिश्वत की बात पेड़, गमला, समान और प्रसाद जैसे कोड वर्ड के जरिए की गई। हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का कोड वर्ड 'मंदिर' था। हवाला लेन-देन के लिए 'दस रुपए का नोट' कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया।
अदालत ने कहा है कि बाहर निकलने के बाद चिदंबरम गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नहीं जाएँगे। इस मामले को लेकर मीडिया से बात करने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
इस मामले में कॉन्ग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को समन भेजा गया था। उन्हें 4 नवंबर को आईटी विभाग के समक्ष पेश होने को कहा गया था। इन नेताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। ये पूरा का पूरा मामला हवाला लेन-देन से जुड़ा है।
हेमंत सोरेन ने नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 8 करोड़ 11 लाख 14 हजार 388 रुपए बताई है। हेमंत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपनी कुल संपत्ति 3 करोड़ 50 लाख 76 हजार 527 रुपए बताई थी। जबकि 2009 में इनकी कुल संपत्ति मात्र...
सबसे अधिक भ्रष्ट सूबों में कॉन्ग्रेस का 'योगदान' केवल राजस्थान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कर्नाटक (जहाँ कुछ समय पहले तक उसी का शासन रहा) और पंजाब में भी घूसखोरी प्रचलित पाई गई।
राज्य सरकार ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 11,000 करोड़ की शराब बेची है। नियमानुसार, ये पूरी की पूरी रक़म सरकारी खजाने में जमा होनी चाहिए थी। लेकिन, मात्र 8271 करोड़ 42 लाख रुपए ही सरकारी खजाने में जमा हुए।