विचार

‘आतंकवाद के आरोपित जेल में बंद मुस्लिमों का केस वापस’ – चुनाव के समय अखिलेश यादव ने कहा था, चुनाव फिर आने वाला है

अखिलेश यादव और मायावती के बयानों को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता... क्योंकि यहाँ POTA आता है, हटाया जाता है, ब्लास्ट होते हैं।

FREE की डुगडुगी के साथ गुजरात में AAP की एंट्री: भाजपा या कॉन्ग्रेस- किसको रहेगा डर?

इस साल की शुरुआत में सूरत नगर निगम चुनावों में 27 सीटें जीतकर उत्साहित आम आदमी पार्टी की निगाहें अब दिसंबर 2022 में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों पर हैं।

NASA के ट्वीट पर आई प्रतिक्रियाएँ विज्ञान के प्रति समर्थन नहीं, हिंदुत्व के प्रति घृणा दर्शाती हैं

NASA इंटर्न प्रतिमा राय और हिन्दू देवी-देवताओं पर आई प्रतिक्रिया यह उजागर करती है कि विरोधियों का सरोकार विज्ञान के समर्थन में नहीं है।

घोटालों में डूबे बैंक, सालों से राजनीतिक कब्जा: जानिए अमित शाह को सहकारिता की कमान से विपक्ष क्यों बेचैन

आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इसकी कमान अमित शाह के हाथ में ही क्यों? आखिर विपक्षी की बेचैनी का कारण क्या है कि वो केंद्र सरकार…

‘बिग टेक प्रभावित कर रहे लोकतांत्रिक प्रक्रिया, फेकबुक नहीं झाड़ सकता पल्ला’: जानिए SC की टिप्पणी क्यों है बेहद खास

SC और दिल्ली HC की ओर से आई टिप्पणियाँ बताती हैं कि लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में इन टेक कंपनियों की भूमिका को लेकर वह चिंतित और सतर्क दोनों है।

घर में एक अध्यक्ष नहीं खोज पा रही कॉन्ग्रेस, विदेश में पौने दर्जन अध्यक्ष एक साथ नियुक्त: इटली में भी सौपीं कमान

सवा सौ वर्षो से भी अधिक पुरानी पार्टी के लिए इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि वह भारत में अपने लिए एक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पा रही पर…

जिला परिषद चुनाव में मिली सफलता से भाजपा ने यूपी विधानसभा चुनाव का फूँका बिगुल, CM योगी ने पलटा पासा

पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से उन्होंने राजनीतिक सरगर्मियों के केंद्र में खुद को रखा है, उसे देखते हुए लगता है जैसे उत्तर प्रदेश में चुनाव का बिगुल फूँक…

‘RSS ट्रैक पर है या रास्ता भूल गया है?’: एक ऐसे संघी के विचार, जो कभी शाखा नहीं गया

मैं कई ऐसे RSS के सदस्यों को जानता हूँ जिन्होंने सिर्फ इसी कारण से आरएसएस को छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगता है कि आरएसएस बदलाव लाने के प्रति कुछ ज्यादा…

कृषि कानूनों पर शरद पवार का नया बयान ‘किसान’ संगठनों पर चोट: राजनीति या भविष्य देख लिए?

कृषि कानूनों पर पवार के नए बयान को लेकर अनुमान चाहे जो लगें पर महत्वपूर्ण बात यह है कि किसानों के समर्थक राजनीतिक दलों में...

एक और जुलाई आई, राहुल गाँधी की ‘मेधा’ आई? जमीं जुम्बद, फलक ज़ुम्बद-न ज़ुम्बद, गुल मोहम्मद!

राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस को यह अहसास कब होगा कि लोकतंत्र के लिए विपक्ष आवश्यक है। न कि हर बात पर विरोध और 'कुछ भी कह दो' का राजनीतिक दर्शन।