Saturday, July 27, 2024

भारत की बात

मार्तंड सूर्य मंदिर = शैतान की गुफा: विद्यार्थियों को पढ़ाने वाला Unacademy का जहरीला वामपंथी पाठ, जानिए क्या है इतिहास

मार्तंड सूर्य मंदिर को 8वीं शताब्दी ईस्वी में बनाया गया था और यह हिंदू धर्म के प्रमुख सूर्य देवता सूर्य को समर्पित है।

20000 महिलाओं को रेप-मौत से बचाने के लिए जब कॉन्ग्रेसी मंत्री ने RSS से माँगी थी मदद: एक पत्र में दर्ज इतिहास, जिसे छिपा...

पत्र में कहा गया था कि आरएसएस 'फील्ड वर्क' के लिए लोगों को अत्यधिक प्रशिक्षित करेगा और संघ प्रमुख श्री गोलवरकर से परामर्श लिया जा सकता है।

1500 साल पुरानी वराह अवतार की मूर्ति का संरक्षण: एक ही पत्थर पर बने 1200 से ज्यादा चित्र, पूरी दुनिया में इकलौता ऐसा

वराह की मूर्ति पर हूण शासक तोरमाण का भी उल्लेख है, जिसका शासनकाल 495 ईस्वी के आसपास का माना जाता है।

महाभारत का दुर्योधन सरकार को देता है जमीन का टैक्स, उसके नाम पर है इलाके की भूमि: केरल में है भव्य मंदिर, ‘सौम्य’ देवता...

केरल के कोल्लम के एक गाँव में महाभारत के खलनायक दुर्योधन का अनोखा मंदिर है। मंदिर द्वारा दुर्योधन के नाम से सरकार को टैक्स भी दिया जाता है।

हिंदुओं का गला रेता, महिलाओं को नंगा कर रेप: जो ‘मालाबर स्टेट’ माँग रहे मुस्लिम संगठन वहीं हुआ मोपला नरसंहार, हमें ‘किसान विद्रोह’ पढ़ाकर...

जैसे मोपला में हिंदुओं के नरसंहार पर गाँधी चुप थे, वैसे ही आज 'मालाबार स्टेट' पर कॉन्ग्रेसी और वामपंथी खामोश हैं।

किताब से बहती नदी, शरीर से उड़ते फूल और खून बना दूध… नालंदा की तबाही का दोष हिन्दुओं को देने वाले वामपंथी इतिहासकारों का...

बख्तियार खिजली को क्लीन-चिट देने के लिए और बौद्धों को सनातन से अलग दिखाने के लिए वामपंथी इतिहासकारों ने नालंदा विश्वविद्यालय को तबाह किए जाने का दोष हिन्दुओं पर ही मढ़ दिया। इसके लिए उन्होंने तिब्बत की एक किताब का सहारा लिया, जो इस घटना के 500 साल बाद लिखी गई थी और जिसमें चमत्कार भरे पड़े थे।

ज्ञान से इतना खौफ खाता है इस्लाम कि 3 महीने तक जलती रहीं किताबें, नालंदा विश्व​विद्यालय से बची थी बख्तियार खिलजी की जान फिर...

नालंदा विश्वविद्यालय को एहसान फरामोश बख्तिार खिलजी ने अपनी चिढ़ में इस तरह बर्बाद किया था कि कहा जाता है उसमें तीन महीने तक किताबें जलती रही थीं।

‘टुकड़े-टुकड़े होते देख ख़ुशी मिलती है’: बच्चों से प्रतिमाओं पर थुकवाता और लात मरवाता था जेवियर, जहाँ PM मोदी कर रहे साधना वहाँ से...

फ्रांसिस जेवियर बच्चों को क्रॉस पहना कर उन्हें ईसाई बनाता था, उन्हें माता-पिता से लड़ने के लिए उकसाता था और मंदिरों को ध्वस्त करवाता था। ब्राह्मणों से वो खार खाए बैठा रहता था, क्योंकि उसका मानना था कि ब्राह्मण नहीं होते तो वो पूरे देश को ईसाई बना देता।

जहाँ माता कन्याकुमारी के ‘श्रीपाद’, 3 सागरों का होता है मिलन… वहाँ भारत माता के 2 ‘नरेंद्र’ का राष्ट्रीय चिंतन, विकसित भारत की हुंकार

स्वामी विवेकानंद का संन्यासी जीवन से पूर्व का नाम भी नरेंद्र था और भारत के प्रधानमंत्री भी नरेंद्र हैं। जगह भी वही है, शिला भी वही है और चिंतन का विषय भी।

कॉन्ग्रेसी CM और नेहरू के मंत्री हुमायूँ कबीर ने लगाया अड़ंगा, लेकिन एक संघी ने कर दिखाया… वो शख्स, जो न होता तो विवेकानंद...

मिशनरियों ने वहाँ क्रॉस लगा दिया, मूर्ति फेंक दी, जेवियर का स्मारक बनाने की चेष्टा की। कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री M भक्तवत्सलम ने अड़ंगा लगाया। नेहरू के मंत्री हुमायूँ कबीर इसके पक्ष में नहीं थे। इन सबके बावजूद RSS के एकनाथ रानडे ने इसे कर दिखाया।

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