विचार
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राहुल गाँधी ने केरल की जनता से ‘उत्तर-दक्षिण’ कर वही किया जो उनके नेता उनसे करते हैं, जो उनको पसंद है – चापलूसी
असल में कॉन्ग्रेस नेता तो झूठ और सच के फेर में नहीं फँसते- वे तो बस वही बोलते हैं जो राहुल गाँधी को पसंद होता है। केरल की जनता के साथ भी राहुल यही प्रयोग कर रहे हैं।
‘मछुआरों के लिए कोई मंत्रालय नहीं’- बार-बार झूठ बोल गरीबों को भरमा रहे राहुल गाँधी, ‘पालतू मीडिया’ नहीं कर रहा फैक्ट-चेक
'मछुआरों के लिए कोई मंत्रालय नहीं है' - जिस तरह से राहुल गाँधी दक्षिण भारत की समुद्री सीमाओं पर घूम-घूम कर झूठ फैला रहे हैं और पालतू मीडिया कोई फैक्ट-चेक नहीं कर रहा, इससे देश का नुकसान हो रहा है।
हिन्दुओं की दाढ़ी पर खार: वह तकलीफ जो उन दिनों मुग़लों को थी, आज मोदी-विरोधियों को है
बस्तर से कॉन्ग्रेसी सांसद दीपक बैज ने जीडीपी के मुद्दे को मोदी की दाढ़ी से जोड़ दिया, कॉन्ग्रेसी नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने बंगाल-चुनाव के साथ तो वहीं तेजप्रताप यादव ने पेट्रोल के दामों के साथ।
100 दिनों तक दिल्ली बंधक, हिन्दू धर्म का अपमान, संविधान को गाली: वो शाहीन बाग़, जहाँ पनपा दिल्ली दंगों का बीज
जहाँ संविधान को गाली दी गई, वहाँ की हाथों में तिरंगा लिए लोगों की तस्वीरें वायरल की गईं। जहाँ हिन्दू धर्म का अपमान हुआ, वहाँ कश्मीरी पंडितों के लिए झूठा शोक मनाया गया।
मंगोलपुरी से मंगलदोई तक हिंदुओ कहना ही होगा- 21 की दिशा ही नहीं, फिदायीन मोहम्मद आदिल डार भी था
अजीत झा -
उनका लक्ष्य स्पष्ट है। वे पूरे असम को मंगलदोई बनाना चाहते हैं। तय आपको करना है। बोलेंगे या शुतुरमुर्ग की तरह जमीन में सिर गड़ाए बैठे रहेंगे।
‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, हिंसा फ़ैलाने की स्वतंत्रता नहीं’ – ट्विटर के दोहरे रवैये पर लगाम जरूरी
"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, हिंसा फ़ैलाने की स्वतंत्रता नहीं है। सोशल मीडिया कंपनियों पर ये लाजिमी है कि वे सख्त कार्रवाई करते हुए इसे रोकें।"
तब शास्त्री नहीं झुके थे, अब मोदी पीछे नहीं हटेंगे: तब भी हुआ था ‘किसान आंदोलन’, ‘हरित क्रांति’ को वामपंथियों ने खून से जोड़ा...
तब भी तो हुए थे कृषि सुधार। 'हरित क्रांति' की नींव रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री को वामपंथियों ने अमेरिका का एजेंट तक कहा, जम कर विरोध किया, पर वो झुके नहीं।
जो राम मंदिर भारत की संस्कृति का प्रतीक है, उससे हिंदुओं को नीचा क्यों दिखा रही कॉन्ग्रेस?
अजीत झा -
अयोध्या में भूमि पूजन हो चुका है। निधि समर्पण अभियान चल रहा है। ऐसे में सहज जिज्ञासा हो सकती है कि इस सवाल का क्या तुक है? वजहें ठोस है और हर हिंदू के लिए जानना जरूरी है।
बजट 2021 में OPC: अकेला व्यक्ति भी शुरू कर पाएगा अब अपनी खुद की कंपनी, सरकार ने दी सहूलियत
सबसे ज्यादा प्रभावित किया बजट में प्रस्तावित ओपीसी यानी वन पर्सन कंपनी के प्रावधान ने। अभी तक आपको कोई भी नया धंधा शुरू करना होता था तो...
ट्रंप पर बैन से खुश थे तो अब अपने गिरोह के लोगों पर लगे प्रतिबंध से नाराज क्यों हैं वामपंथी लिबरल्स?
ट्विटर के इस कदम का विरोध करने वाले ये वही 'निष्पक्ष' उदारवादी लोग हैं, जो कुछ ही दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट बंद किए जाने का जश्न मना रहे थे।