नारायण राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने साल 2020 में कोविड के दौरान उन्हें दो बार कॉल करके अनुरोध किया था कि वो प्रेस के सामने उनके बेटे आदित्य ठाकरे का नाम न लें।
दो साल में ये तीसरी बार हुआ, जब मंदिर के आसपास ऐसी हरकत हुई। लोगों का कहना था कि अप्रैल 2024 में गाय पर चाकू से हमला हुआ था और डेढ़ साल पहले मीट फेंका गया था, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
बिहारी छात्रों को निशाना बनाकर तलवारों से हमला किया गया। कई छात्रों के सिर फट गए, हड्डियाँ टूट गईं और खून से लथपथ हालत में वो मदद की गुहार लगा रहे हैं।
महाकुंभ से पहले ठीक एक वर्ष पहले भी गाँधी परिवार ने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी प्राथमिकताएँ क्या हैं। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद हिन्दुओं को मिले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण कॉन्ग्रेस ने ठुकरा दिया था।
भारत और बांग्लादेश सीमा पर पूरा एक नेटवर्क काम कर रहा है। यह नेटवर्क लोगों को बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करवाने, उनके फर्जी कागज बनवाने, यहाँ तक कि उन्हें भारत में काम दिलाने का भी जिम्मा लेता है।
दिशा सालियान की मौत पर लगातार इसलिए सवाल उठते रहे हैं क्योंकि कई लोगों ने इस मामले पर अलग-अलग बयान दिए। किसी ने रेप के दावे किए, तो किसी ने कहा कि हत्या के तार SSR की मौत से जुड़ा है।
मद्रास हाई कोर्ट ने कह़ा कि निजी स्थान पर पोर्न देखना अपराध नहीं माना जा सकता। हाई कोर्ट ने इसे क्रूरता मानने से मना किया और कहा कि यह तलाक का आधार नहीं बन सकता।
HC ने कहा कि मामले में बलात्कार के प्रयास का आरोप नहीं बनता क्योंकि अभियोजन पक्ष को यह साबित करना होता है कि आरोपितों की कार्रवाई अपराध करने की तैयारी से आगे बढ़ चुकी थी।
बद्र खान सूरी 2020 तक जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली में पढ़ता था। इसके बाद वह अमेरिका चला गया। उसने एक अमेरिकी नागरिक से निकाह किया है।
सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत की दोबारा से जाँच कराने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की।
गोपालगंज में 80 साल की बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म की खबर सामने आई। आरोप छोटे आलम के ऊपर लगा... लेकिन, TOI जैसे मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में ये नाम चालाकी से छिपाया।
नागपुर हिंसा में 6 FIR दर्ज हो चुकी हैं। इनमें 1200 से अधिक लोग आरोपित बनाए गए हैं। 50 लोग गिरफ्तार भी हुए हैं। पुलिस बाक़ी की तलाश के लिए दबिश दे रही है।
गज सेवा समिति ने आरोप लगाया है कि हाथियों पर रोक लगाने की माँग करने वाले कथित एक्टिविस्ट हिन्दुओं की 2 हजार साल से अधिक पुरानी परमपराएं बंद करवाना चाहते हैं।