रामनवमी हिंसा के बाद बिहार में बह रही इफ्तारी बयार, ‘तुष्टिकरण’ की नैया के खेवैया बने नीतीश कुमार
बिहार में इफ्तार पार्टी का मौसम है। राजनीतिक दल अपने खुद को मुस्लिमों के सबसे करीबी दिखाने की कोशिश में इसका आयोजन कर रहे हैं।
बिहार में इफ्तार पार्टी का मौसम है। राजनीतिक दल अपने खुद को मुस्लिमों के सबसे करीबी दिखाने की कोशिश में इसका आयोजन कर रहे हैं।
जो लोग ग्राउंड जीरो पर जाकर सब कुछ सामने ला देते थे, वे बिहारशरीफ और सासाराम की जमीन पर रिपोर्टिंग करते क्यों नहीं दिख रहे?
यह बिहार के नेतृत्व की भविष्य को लेकर शून्यता ही है कि बिहार दिवस पर भी चर्चा बिहार बंद और अलग मिथिला राज्य जैसे अभियानों की रही।
बिहार में किडनैपिंग इंडस्ट्री एक बार फिर से फलने-फूलने लगी है। इस महीने में ही अपहरण और रंगदारी के 5 हाई प्रोफाइल मामले सामने आए हैं।
तमिलनाडु में कथित हिंसा के दावों ने बिहार से पलायन की मजबूरी को फिर से चर्चा में ला दिया है। आखिर इसका उपचार क्या है?
स्वामीजी के अनुयायी भारत में आकर भारतीय हो गए। न कोई सेवा के नाम पर धर्मांतरण का छलावा न कोई मान-सम्मान की चाहत। उन्होंने निस्वार्थ भाव से माँ भारती की…
मीडिया, बुद्धिजीवियों और सेलेब्रिटीज का एक गठबंधन हिन्दू त्योहारों पर ज्ञान देने में माहिर है। क्या ये कभी कहते हैं कि ईद पर खून-खराबा मत करो।
अरविंद केजरीवाल सहित 9 दलों के नेताओं ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है और मनीष सिसोदिया पर कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है।
ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया कि टीएमसी 2024 के लोकसभा चुनावों में अकेले लड़ेगी। भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता की संभावना खत्म हो गई।
वैज्ञानिक से वकील और तथाकथित कार्यकर्ता से राजनेता बने मुकुल सिन्हा और उनकी पत्नी ने अपना पूरा राजनीतिक करियर गुजरात दंगों में मारे गए लोगों की लाशों पर बनाया है।