सामाजिक मुद्दे

दो धर्मों का झगड़ा नहीं था दिल्ली का हिन्दू विरोधी दंगा, ये नक्सली-जिहादी गठजोड़ का एक प्रयोग था

पुलिस के आरोप पत्रों और निष्पक्ष संस्थाओं की रिपोर्टों से यह समझ में आता है कि एक-एक घटना और हर किरदार पहले से तय था। डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा उनके…

दर्द कोरोनिल नहीं, आयुर्वेद है: वामपंथी गैंग को चाहिए गोरों का सर्टिफिकेट, रामदेव से इनका गुर्दा छिल जाता है

बाबा रामदेव ने कोरोनिल क्या लॉन्च की, वामपंथी गैंग बिना सबूत घृणा फैलाने में लग गया। इसकी वजह क्या है?

तब्लीगियों को तो गाली दे रहे थे, खुद रथ यात्रा? वो इसलिए कि थूकने वालों और पूजने वालों में अंतर है, और रहेगा

कोरोना को हल्के में लेने वाले, डॉक्टरों पर हमला करने वालों, थूकने, मल-मूत्र त्यागने वाले अधम श्रेणी के मनुष्यों की तुलना स्वामी जगन्नाथ के सेवायतों से करना धूर्तता है।

रथ यात्रा रोकने की साजिश किसने की: अजीत भारती का सवाल | Ajeet Bharti on who wanted to stop Puri Rath Yatra

यात्रा पर रोक लगाए जाने के बाद कई याचिकाएँ दाखिल कर शीर्ष अदालत से पुनर्विचार का आग्रह किया गया था। इन याचिकाओं में कहा गया कि...

सुशांत को नापसंद करने वाला बॉलीवुड-माफिया कौन? क्यों चुप है शत्रुघ्न सिन्हा से लेकर बिहारी कलाकारों की लॉबी?

क्या बॉलीवुड में इतनी स्पर्धा है कि अपनी ही जमीन से जुड़े भाई के लिए आप खड़े तक नहीं हो सकते! फिर खुशबूदार कपड़ों, रंगीन चश्मे में छिपे...

कितना खोखला है अवसाद से घिरे व्यक्ति को कहना- प्लीज रीच आउट टू मी

क्या हम अवसाद में घिरे इन्सान से 'प्लीज़ रीच आउट टू मी' की औपचारिकता निभाकर एक बड़ी समस्या को नजरअंदाज तो नहीं कर देते?

‘मेवात में धर्मांतरण करवाने वाले RSS के एजेंट होंगे, दीन नहीं देता जबरन धर्म परिवर्तन की इजाजत’

"प्रियंका चोपड़ा जब वह किसी फिरंगी ईसाई से शादी करती हैं, तब किसी के पेट में दर्द नहीं होता। लेकिन मेवात पर सब सवाल उठा देते हैं।"

रामचंद्र गुहा का अंधत्व: गुजरात में धन+संस्कृति का कॉम्बिनेशन, बंगाल के पास ‘ममता’ और यही इनकी संस्कृति

बंगाल के पास ‘ममता दीदी’ हैं, यही इनकी संस्कृति। गुजरात के पास नरेंद्र दामोदरदास मोदी हैं, यह भी गुजरात की संस्कृति है। इस पहचान पर गुजरात...

मुरारी बापू जी, अली-मौला इतना ही पसंद है तो टोपी लगा कर नमाज पढ़ लीजिए, सत्संग-प्रवचन का नाम क्यों ले रहे?

एक तरफ एक मजहब है, जो कि अपने मूल रूप में प्रसारवादी, राजनैतिक और ऐतिहासिक तौर पर हिंसक और लूट-पाट से ले कर आतंक का शासन स्थापित करने पर तुला…

अमरोहा में दलित हत्या पर छाती पीटने वाले जौनपुर में दलितों के गाँव फूँके जाने पर चुप क्यों हैं?

क्या दलितों की पीड़ा की बात तभी की जाएगी जब आरोपित सवर्ण हों? आरोपित समुदाय विशेष के होंगे तो पीड़ितों का दलित होना भूला दिया जाएगा?