ट्रेन में भीख माँगने की अनुमति देने का कोई प्लान नहीं: मीडिया रिपोर्ट्स का रेलवे ने किया खंडन

ट्रेन में भीख माँगने की अनुमति वाली रिपोर्ट को रेलवे ने नकारा (साभार: indianexpress.com)

शेखर गुप्ता की The Print ने शनिवार  (सितंबर 5, 2020) को एक लेख प्रकाशित किया। इस लेख में दावा किया गया कि ट्रेन के डिब्बों के अंदर और स्टेशनों पर भीख माँगना अपराध मुक्त हो सकता है, क्योंकि इस तरह की योजना प्रस्तावित है। 

अपनी रिपोर्ट में The Print ने अज्ञात सोर्स का हवाला देते हुए दावा किया कि रेलवे ने इंडियन रेलवे ऐक्ट 1989 में संशोधन के लिए केंद्रीय कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस योजना पर रेलवे ने आम जनता से सुझाव माँगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रस्तावित योजना में रेल गाड़ी, प्लेटफॉर्म या रेलवे के अन्य परिसरों में भीख माँगने को अपराध मुक्त किया जाने का सुझाव है।

ThePrint report on begging on trains

The Print ने उसी लेख में यह भी बताया कि रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 144 के मुताबिक रेल गाड़ी, रेलवे प्लेटफॉर्म या अन्य रेल परिसर में भीख माँगना अपराध है और इसके लिए कैद या जुर्माना या दोनो हो सकते हैं।

4 सितंबर को The Hindu ने भी इस तरह की रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। The Hindu ने भी दावा किया था कि रेलवे के नए प्रस्ताव के बाद अगर कोई व्यक्ति ट्रेनों या स्टेशनों पर भीख माँगते हुए पाया जाता है तो उन्हें कोई जुर्माना नहीं देना होगा, इससे प्रभावी रूप से भीख माँगने की ‘अनुमति’ मिल सकती है।

Network18 ने भी इसी तरह के दावे करने वाले एक लेख के लिए The Hindu की रिपोर्ट का हवाला दिया। इसमें यह भी दावा किया गया था कि ट्रेन के डिब्बों में स्मोकिंग करने के रोक को भी वापस लिया जाएगा। इसकी जगह मौके पर 100 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। इन दावो में कहा गया था कि बिना टिकट चलने वाले यात्रियों को जेल नहीं भेजा जाएगा। इस तरह की कोई गलती करने वाले लोगों से केवल जुर्माना वसूला जाएगा।

https://twitter.com/SpokespersonIR/status/1302527319634972672?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि रविवार (सितंबर 6, 2020) को इन मीडिया रिपोर्ट्स पर बयान जारी करते हुए भारतीय रेल के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव रेलवे ने नहीं भेजा है। रेलवे के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ट्रेनों, स्टेशनों या प्लेटफॉर्म पर भीख माँगने की इजाजत देने की भी कोई योजना या प्रस्ताव रेलवे के पास नहीं है।

गौरतलब है कि इससे पहले इसी तरह कुछ मीडिया हाउस ने खबर चलाई थी कि अब मोदी सरकार का गुणगान करने के लिए तीन हजार भिखारियों को भर्ती किया जाएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय एक ऐसी योजना बना रही है जिसमें तीन हजार भिखारी चुने जाएँगे। इनका काम विभिन्न रेलगाड़ियों में यात्रियों के सामने मोदी सरकार की सफलताओं के गीत गाना होगा।

ऑल इंडिया रेडियो और पीआईबी ने इस दावे को खारिज करते हुए बताया था कि ये दावा झूठा है और सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं बनाई जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया