भूख के कारण कोबरा मार कर खा रहे अरुणाचल के लोग: NDTV ने फैलाया फेक न्यूज़ तो केंद्रीय मंत्री ने लताड़ा

एनडीटीवी ने फैलाया फेक न्यूज़ तो केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने लताड़ा

एनडीटीवी और प्रपंच एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। कोरोना संक्रमण की आपदा के बीच भी मीडिया संस्थान अपना काम बखूबी कर रहा है, केंद्र सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों के विरुद्ध माहौल बनाने के लिए अजीबोगरीब खबरें ढूँढने में उसने पूरा दमखम लगा दिया है। इसी तरह एनडीटीवी ने ये भी ख़बर चलाई कि अरुणाचल प्रदेश में लॉकडाउन के कारण स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि ग़रीबों को भोजन के लिए कोबरा मार कर खाना पड़ रहा है। साथ ही कुछ शिकारियों का एक वीडियो भी शेयर किया।

इन शिकारियों ने किंग कोबरा साँप को मारा था और उसके साथ उन्होंने तस्वीरें क्लिक करवाई थीं। बस इसी के सहारे एनडीटीवी ने इसे भूख से जोड़ दिया और फिर लॉकडाउन को भी इस ख़बर में खींच कर एक अच्छा मसाला तैयार कर दिया। ये कोबरा 12 फ़ीट लम्बा था। एनडीटीवी ने दावा किया कि ये लोग कोबरा को पका कर खाएँगे और इसके लिए सारी व्यवस्थाएँ भी कर ली गई हैं। बकौल प्रपंची मीडिया वेबसाइट, वीडियो में ये लोग ये कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने कई दिनों से मीट नहीं खाया।

एनडीटीवी ने किंग कोबरा के शिकारियों को लेकर फैलाया भ्रम
https://twitter.com/KirenRijiju/status/1252182984100163585?ref_src=twsrc%5Etfw

इसके बाद केंद्रीय मंत्री और नार्थ-ईस्ट भारत के लोकप्रिय नेता किरण रिजिजू ने एनडीटीवी के इस दावे की जम कर धज्जियाँ उड़ा दीं। उन्होंने बताया कि न सिर्फ़ वो बल्कि राज्य सरकार भी जानवरों के शिकार और उनकी हत्या को लेकर एकदम सख्त है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में अनाज उपलब्ध है, इसीलिए भोजन की कमी के चलते कोबरा को मार कर खाने वाली बात एकदम बेवकूफाना है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अरुणाचल प्रदेश में कोई भी व्यक्ति खाने के लिए कोबरा का शिकार नहीं करता।

एनडीटीवी को लताड़ते हुए किरण रिजिजू ने सलाह दी कि वो ऐसे लेख लिखने से पहले कम से कम उसकी पुष्टि तो कर ले। जबकि, एनडीटीवी की इस ख़बर में भी अंदर लिखा है कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने कहा है कि राज्य के सभी जगहों पर अनाज का अगले 3 महीनों का स्टॉक पड़ा हुआ है, इसीलिए इसकी कमी होने वाली बात ग़लत है। किंग कोबरा को वैसे भी ‘प्रोटेक्टेड रेप्टाइल’ की श्रेणी में रखा गया है, जिसका शिकार मना है। बावजूद इसके एनडीटीवी ने इसे भूख और लॉकडाउन से जोड़ कर एक झूठी ख़बर तैयार कर दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया