राष्ट्रपति भवन में रखी गई ‘पठान’ की स्पेशल स्क्रीनिंग? – मीडिया में चल रही खबरों का जानिए सच, The Kashmir Files थी आखिरी फिल्म

राष्ट्रपति भवन में हुई शाहरुख़ खान-दीपिका पादुकोण की 'पठान' की स्क्रीनिंग?

मीडिया की कई खबरों में चलाया जा रहा है कि नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में ‘पठान’ की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई है। एपीजे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति रहते उनके प्रेस सेक्रेटरी रहे एसएम खान के एक ट्वीट के बाद मीडिया में ये खबर वायरल हुई। उन्होंने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि वो राष्ट्रपति भवन में ‘पठान’ की स्पेशल स्क्रीनिंग में गए थे। उन्होंने शाहरुख़ खान और उनकी मैनेजर पूजा डडलानी को टैग भी किया।

‘ABP न्यूज़’ ने अपने शीर्षक में लिखा, ‘राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में रखी गई शाहरुख खान की ‘पठान’ का स्क्रीनिंग, सामने आईं ये तस्वीरें’। ‘DNA india’ ने भी अंग्रेजी शीर्षक में लिखा, “शाहरुख़ खान की ‘पठान’ की राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में स्पेशल स्क्रीनिंग हुई, पूर्व प्रेस सेक्रेटरी ने शेयर की तस्वीरें”। ‘Free Press Journal’ ने भी ऐसा ही दावा किया। ‘अमर उजाला’ ने तो इसे ‘पठान’ का जलवा भी करार दिया।

मीडिया ने चलाया – राष्ट्रपति भवन में ‘पठान’ फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग

बंगाली और मराठी भाषा में भी मीडिया संस्थानों ने इसे शेयर किया। इस खबर को लेकर सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथियों में भी दो फाड़ देखने को मिला और नाराज़ भाजपा समर्थकों ने पूछा कि क्या इस तरह की फिल्म जिसमें पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का महिमामंडन किया गया है और RAW अधिकारी को गद्दार दिखाया गया है, उसकी राष्ट्रपति भवन में स्पेशल स्क्रीनिंग कैसे हुई? लोगों ने कहा कि एक तरफ इसके बॉयकॉट की माँग की जा रही थी, एक तरफ राष्ट्रपति भवन में इसे दिखाया जा रहा है।

एसएम खान के ट्वीट के आधार पर कई मीडिया संस्थानों ने ये खबर चलाई। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसकी काट के रूप में दावा किया कि राष्ट्रपति भवन का कल्चरल सेंटर बंद हो गया है। कई शाहरुख़ खान के फैंस ने तो इसे लेकर अभिनेता का महिमामंडन किया और अपना एजेंडा आगे बढ़ाया। कइयों ने भाजपा समर्थकों पर तंज कसा। फिर हमने इसकी सच्चाई की तहकीकात शुरू की, क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ऐसी किसी स्क्रीनिंग में जाने की कोई खबर सामने नहीं आई थी।

हमने इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए भाजपा नेता सुधांशु मित्तल से बातचीत की, जिसके बाद ये मामला कुछ और ही निकला। उन्होंने ऑपइंडिया को बताया कि राष्ट्रपति भवन के मौजूदा एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों का एक क्लब है, जहाँ हर सप्ताह शनिवार को एक फिल्म की स्क्रीनिंग होती रही हैं। वहीं पर ‘पठान’ फिल्म दिखाई गई, जिसे राष्ट्रपति भवन में हुई ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ बता कर सोशल मीडिया और मीडिया में दुष्प्रचारित किया जा रहा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति भवन में ‘पठान’ की कोई स्पेशल स्क्रीनिंग नहीं हुई है और अगर ये स्पेशल स्क्रीनिंग होती तो उसमें राष्ट्रपति ज़रूर मौजूद रहतीं। ऑपइंडिया ने फिर राष्ट्रपति सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से भी बात की, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा:

“फिल्मों की इस तरह की नियमित स्क्रीनिंग को ‘विशेष स्क्रीनिंग/स्पेशल स्क्रीनिंग’ या राष्ट्रपति भवन द्वारा किसी प्रकार का आधिकारिक कार्यक्रम कहना पूरी तरह से गलत होगा। इस तरह की स्क्रीनिंग एक नियमित मामला है। किसी फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग एक तकनीकी शब्द है, जहाँ माननीय राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाता है, और राष्ट्रपति ऐसी स्क्रीनिंग में भाग भी लेते हैं। राष्ट्रपति पठान की स्क्रीनिंग में शामिल ही नहीं हुए। वास्तव में, अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल नहीं हुए थे।”

बता दें कि इस स्क्रीनिंग में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नहीं थीं। क्या क्लब में किसी फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए राष्ट्रपति के सचिव या राष्ट्रपति भवन के प्रशासन की मंजूरी अनिवार्य है? इसका जवाब सुधांशु मित्तल ने ‘ना’ में दिया। उन्होंने कहा कि क्लब में ही ये निर्णय ले लिया जाता है कि कौन सी फिल्म दिखाई जानी है।

इस दौरान उन्होंने एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि पिछली बार राष्ट्रपति भवन में अगर किसी फिल्म की स्क्रीनिंग हुई थी तो वो ‘द कश्मीर फाइल्स’ है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ घाटी में नब्बे के दशक में इस्लामवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और उनके पलायन की कहानी कहती है। ‘वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल फाउंडेशन’ के संस्थापक सुधांशु मित्तल ने कहा कि एसएम खान झूठ बोल रहे हैं। ये क्लब भले ही राष्ट्रपति भवन के परिसर में हो, लेकिन ये कोई ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ नहीं है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया