स्वास्तिक पर लिबरल गैंग कर रहे गुमराह, हिंदू घृणा से भरे Alt News का फर्जी फैक्ट चेक

स्वास्तिक पर Alt News का फ़र्जीवाड़ा

नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध-प्रदर्शन अब हिन्दू-विरोधी प्रदर्शनों में तब्दील होते जा रहे हैं। दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध-प्रदर्शन के दौरान एक पोस्टर भारी विवाद का कारण बन गया। इस पोस्टर में बुर्क़ा पहने और बिंदी लगाए हिन्दू महिलाओं को दिखाया गया। साथ ही पोस्टर के नीचे विघटित स्वरूप में हिन्दुओं का प्रतीक ‘स्वास्तिक’ भी था।

भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा समेत कई लोगों ने इस पोस्टर की व्यापक रूप से आलोचना की। इसके बाद ‘लिबरल गैंग’ ने दावा करना शुरू कर दिया कि पोस्टर में नाज़ी स्वास्तिक को दर्शाया गया है, न कि हिन्दू स्वास्तिक को।

https://twitter.com/_sabanaqvi/status/1217787903138394118?ref_src=twsrc%5Etfw

स्व-घोषित फैक्ट-चेकिंग साइट Alt News ने इस मुद्दे पर एक ‘फ़ैक्ट चेक’ किया और दावा किया कि शाहीन बाग के विवादित पोस्टर में जो स्वास्तिक है, वो हिन्दू प्रतीक नहीं है। अपने दावे को सही ठहराने के लिए, फैक्ट चेक में कहा गया कि पोस्टर में प्रतीक यानी स्वास्तिक में चार बिंदु नहीं हैं, जो हिन्दू स्वास्तिक में मौजूद होते हैं।

https://twitter.com/zoo_bear/status/1217812771170947072?ref_src=twsrc%5Etfw

उन्होंने यह भी दावा किया कि स्वास्तिक का प्रतीक झुका हुआ है, यह नाजी प्रतीक है न कि हिन्दू स्वास्तिक।


Alt News के लेख का स्क्रीनशॉट

बता दें कि तथाकथित फैक्ट-चैक साइट द्वारा किया गया दावा पूरी तरह से झूठा और निराधार है। ज़ाहिर तौर पर इसका उद्देश्य CAA के विरोध-प्रदर्शनों में देखे गए पोस्टर की मंशा को छिपाना है। Alt News के दावों के विपरीत, चार बिंदु स्वास्तिक का अभिन्न हिस्सा नहीं है और यह अक्सर उनके बिना खींचा जाता है। लेकिन, कभी-कभी डॉट्स (बिंदु) लगाया जाता है।

स्वास्तिक को कई हिन्दू मंदिरों के डिजाइन का हिस्सा बनाया गया है और एक सरसरी नज़र से देखने पर पता चलेगा कि स्वास्तिक में हमेशा डॉट्स मौजूद नहीं रहते। उदाहरण के लिए, नीचे दी गई इमेज को देख सकते हैं जो दिल्ली के लक्ष्मीनारायण मंदिर की है, इसे बिड़ला मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इसमें ओम प्रतीक और दो स्वास्तिकों को उकेरा गया है, लेकिन स्वास्तिकों में कोई डॉट यानी बिन्दु नहीं है।

बिडला मंदिर, दिल्ली

इसी तरह, सिंधु घाटी सभ्यता से हड़प्पा में पाए गए स्वास्तिक मुहरों में भी कोई बिंदु नहीं होता था। सच्चाई यह है कि पुराने और नए हिन्दू मंदिरों पर अंकित बिंदु के बिना स्वास्तिक प्रतीक को खोजना कोई बड़ी बात नहीं है। इसके प्रमाण सरलता से मिल जाएँगे। लेकिन, Alt News ने इसके लिए थोड़ा-सी भी ज़ेहमत उठाना गवारा नहीं समझा। इसलिए, स्वास्तिक में चार बिंदु होने का Alt News का दावा झूठा है।


Indus Valley Swastika Seals

इसी तरह, स्वास्तिक के प्रतीक को अधिकतर स्थानों पर बिना बिंदुओं के सीधे चित्रित किया गया है। वहीं, कुछ हिन्दू स्थानों में 45 डिग्री झुके हुए प्रतीकों को देखना भी कोई बड़ी बात नहीं है। एक शिव मंदिर की निम्नलिखित इमेज में तीन स्वास्तिक हैं, वो भी बिना बिंदुओं के और इनमें से एक झुका हुआ भी है।


Another temple with tilted swastika

इन सबके मद्देनज़र यह बात ध्यान रखने वाली है कि स्वास्तिक प्रतीक का कोई एक सटीक आकार या रूप नहीं है। यह कई सभ्यताओं से जुड़ा एक बहुत प्राचीन प्रतीक है। इसलिए, इसका रूप हमेशा एकसमान नहीं होता। इसके अलावा, जैसे हिन्दू धर्म किसी एक पुस्तक, एक ईश्वर का धर्म नहीं है, यह भी एक प्रतीक का धर्म नहीं है। परिणामस्वरूप, स्वास्तिक को हिन्दू संस्कृति में अलग-अलग रूप से दर्शाया जा सकता है, जिसमें बिना बिंदुओं वाला स्वास्तिक और झुका हुआ स्वास्तिक भी शामिल है।

लेकिन, अगर किसी वजह से किसी स्वास्तिक में बिंदु न हों तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वो हिन्दुओं का प्रतीक चिन्ह नहीं है। यह एक बड़ी विडंबना है कि जो लोग हिन्दुओं के लिए अपने मन में घृणा रखते हैं वो बताते हैं कि कौन-सा प्रतीक हिन्दुओं का है और कौन-सा नहीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया