नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के नाम पर जहाँ एक तरफ़ खुल कर हिन्दू विरोधी अजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ़ वामपंथियों की मंडली दुष्प्रचार व अफवाह फैलाने में भी लगी हुई है। इसी क्रम में कुछ फोटो वायरल हो रहे हैं, जिनमें कुछ पुलिसवालों को सीएए विरोधी तख्तियाँ लेकर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इन तस्वीरों में पुलिसकर्मी “नो सीएए, नो एनआरसी”, “वी अपोज एनआरसी एन्ड सीएए”, “मासूमों पर लाठीचार्ज अब हमसे न हो पाएगा” और “नो एनआरसी, नो कैब” लिखी तख्तियाँ लेकर धरना देते हुए दिख रहे हैं।
इन तस्वीरों को फेसबुक और ट्विटर पर हज़ारों बार शेयर किया गया। दरअसल, इन तस्वीरों को फोटोशॉप किया गया है। तख्तियों में लिखी गई बातों को एडिट कर के पूरी तरह बदल दिया गया है। ये फोटो तब का है, जब वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच संघर्ष भड़क गया था। वकीलों ने दिल्ली पुलिस पर हमला कर दिया था और उन पर पत्थरबाजी की थी। यहाँ तक कि इस फोटोशॉप्ड तस्वीर को फ़िल्म निर्माता अपर्णा सेन ने भी शेयर किया:
https://twitter.com/senaparna/status/1216420455948505088?ref_src=twsrc%5Etfwइस फोटो को ‘द वीक’ ने नवंबर 5, 2019 को शेयर किया गया था। ख़बर थी कि वकीलों द्वारा की गई हिंसा के ख़िलाफ़ पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। इस तरह से नवंबर 2019 की ख़बर को जनवरी 2020 में बदल कर पेश किया जा रहा है। असली तस्वीर में तख्तियों पर लिखा हुआ है- “Policemen are also humans” और एक वकील के फोटो साथ “Arrest Him” भी लिखा हुआ है। असली तस्वीर को यहाँ देखें:
उस समय दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच विवाद हो गया था, जिसमें बाद में हिंसक संघर्ष के रूप ले लिया था। उसके बाद वकीलों ने पुलिसकर्मियों को पीटना शुरू कर दिया था। इसीलिए, ये सीएए विरोधी पोस्ट की फोटो नहीं है।