‘पेड़ से बाँध कर दलित को जूतों से मारा’: वायरल वीडियो के सहारे ‘जय भीम’ का प्रोपेगेंडा, पुलिस की जाँच में कुछ और निकली सच्चाई

वायरल वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट

सोशल मीडिया पर जाति को आधार बनाकर माहौल भड़काने का काम अब आम हो गया है। हाल में आँध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की एक घटना पर दोबारा यही देखने को मिला। ट्विटर पर एक आदमी को पीटे जाने वाली वीडियो शेयर की गई और दावा किया गया कि कैसे एक पिछड़ी जाति के व्यक्ति को बेरहमी से जूते-चप्पल से मारा जा रहा है। हालाँकि, जब पुलिस ने घटना का पता लगाया तो सच कुछ और ही था।

आप देख सकते हैं कि वायरल वीडियो में एक व्यक्ति की शर्ट उतार कर पेड़ से बाँधकर उसे पीटा जा रहा है। सूरज कुमार बौद्ध ने इसे शेयर करके लिखा, “विशाखापट्टनम, आँध्र प्रदेश में एक SC युवक के कपड़े निकालकर, उसे पेड़ से बाँधकर बेरहमी से जूतों से मारा गया। हर दिन जातिवाद का ये विकराल रूप देखकर मन विचलित हो जाता है। शर्मनाक!”

सूरज के ट्वीट के अलावा भी कई मीडिया रिपोर्टों में यही दिखाया गया कि एक दलित को पेड़ से बाँधा गया और फिर उसे बेरहमी से पीटा गया। अब इसी वीडियो वायरल मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस का बयान आया है। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर विशाखापट्टनम की एक वीडियो वायरल थी, जिसमें एक व्यक्ति को पेड़ में बाँधकर पीटा जा रहा था। पड़ताल में सामने आया कि पिटने वाला और पीटने वाला दोनों एक ही समुदाय के हैं, जिनकी लड़ाई मोबाइल चोरी पर हुई।

पुलिस ने बताया कि ये केस पेंडरुथी के थाने में दर्ज किया गया है। आरोपित भी घटना की जानकारी होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया हैं। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना जुट्टाडा गाँव की है। वहाँ तारकेश्वर राव नाम के व्यक्ति ने सूरी बाबू का कथित तौर पर फोन चुराया और सूरी बाबू ने शिकायत देने की बजाय तारकेश्वर नाम के व्यक्ति को बेरहमी से पेड़ से बाँध कर पीटा। वायरल वीडियो देख इस केस को दर्ज किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया