‘कंगना रनौत को सुरक्षा जाँच को लेकर पड़ा थप्पड़’: ‘फैक्ट-चेकर’ मोहम्मद जुबैर ने फिर फैलाया झूठ, हमलावर बोली- किसान आंदोलन पर कमेंट से थी नाराज

जुबैर ने कंगना पर हमले के मामले में फैलाई फेक न्यूज (फोटो साभार : Social media)

चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को CISF कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ जड़ा था, जब वो 6 जून को दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी। कंगना रनौत ने खुद हमला करने वाली कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर से पूछा था कि उसने ऐसा क्यों किया, जिसके बाद उसने साफ तौर पर कहा था कि वो ‘किसान आंदोलन को लेकर कंगना के कमेंट’ से नाराज थी। हालाँकि इस मामले में फेक न्यूज पेडलर मोहम्मद जुबैर ने फर्जी खबर फैलाने की कोशिश की।

खुद को फैक्ट चेकर कहने वाले मोहम्मद जुबैर ने कंगना रनौत के बयान को ही खारिज कर दिया, जबकि वो खुद पीड़ित हैं। जुबैर ने एक्स पर दावा किया कि ‘कंगना पर हमला किसान आंदोलन पर कमेंट के लिए नहीं, बल्कि सिक्योरिटी चेक के दौरान प्रक्रिया का पालन न करने की वजह से थप्पड़ पड़ा।’ ऑल्ट न्यूज के को-फाइंडर मोहम्मद जुबैर ने हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट को एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया है कि कंगना को “सुरक्षा जांच के दौरान सुरक्षा कर्मियों को धक्का देने के लिए थप्पड़ मारा गया था, क्योंकि अभिनेता-राजनेता ने सुरक्षा जाँच के दौरान अपना फोन ट्रे में रखने से इनकार कर दिया था। कंगना रनौत दोपहर 3 बजे विस्तारा की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हुईं”।

हालाँकि बाद में जुबैर ने कंगना के पक्ष को भी जोड़ा, लेकिन उसे ‘सोशल मीडिया पर अपुष्ट दावा’ करार दिया। उसने आगे लिखा, ‘उम्मीद है कि CISF वजह का खुलासा करेगी।’

जुबैर ने किसान आंदोलन पर कंगना के बयान को ‘अपुष्ट सोशल मीडिया दावा’ करार दिया, जोकि पूरी तरह से गलत है। क्योंकि ये दावा किसी आम सोशल मीडिया यूजर ने नहीं किया, बल्कि ये बात खुद कंगना रनौत के हवाले से सामने आई। इस घटना के बाद दिल्ली पहुँचनी कंगना रनौत ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने उन्हें थप्पड़ मारने वाली कुलविंदर कौर से पूछा था कि उसने हमला क्यों किया, इसके जवाब में खुद कुलविंदर कौर ने कहा कि वो कंगना रनौत के किसानों के प्रदर्शन के दौरान दिए बयान से नाराज थी।

रनौत ने यह भी कहा कि कॉन्स्टेबल को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जाँच के लिए बगल की केबिन में तैनात किया गया था, इसका मतलब है कि कुलविंदर कौर ने रनौत की तलाशी नहीं ली। और इसलिए, यह दावा कि कंगना को इसलिए थप्पड़ मारा गया क्योंकि उन्होंने अपना फोन ट्रे में रखने से इनकार कर दिया और कॉन्स्टेबल को धक्का दिया, ये पूरी तरह से झूठ है। इसके अलावा ये भी संभावना नहीं है कि कंगना रनौत ने सिक्योरिटी जाँच से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करने इनकार कर दिया हो, क्योंकि सारी बातें सामने आ चुकी हैं।

यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि एयरपोर्ट पर हुई उस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी दिख रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर कुलविंदर कौर को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘उसने कंगना रनौत को इसलिए माना, क्योंकि कंगना ने किसान आंदोलन पर जो बयान दिया था, वो गलत था।’ कुलविंदर कौर ने बताया कि उसकी माँ भी किसान आंदोलन में शामिल हुई थी। वो कंगना रनौत के साल 2020 में किए ट्वीट से नाराज थी, जिसमें रनौत ने कहा था कि किसानों के आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिलाएँ 100-100 रुपए लेकर आ रही हैं।

इन वीडियो से ये बात तो पूरी तरह साफ हो जाता है कि सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल ने कंगना रनौत के ट्वीट की नाराजगी की वजह से हमला किया था। जबकि वो कहीं भी ‘सिक्योरिटी जाँच के लिए मोबाइल ट्रे में नहीं रखने’ जैसी कोई भी बात कहती नहीं दिख रही है। ऐसे में जुबैर जो झूठ ‘सोशल मीडिया पर दावे’ के हवाले से फैला रहा था, वो पूरी तरह से गलत निकला है।

बता दें कि कंगना रनौत ने 2020 में एक बुजुर्ग महिला की ओर इशारा करते हुए टिप्पणी की थी, जिन्हें तीन किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में देखा गया था, उन्होंने महिला की गलत पहचान बिलकिस बानो के रूप में की थी।

रनौत ने ट्वीट किया था, “वह वही दादी हैं, जो टाइम मैगजीन में सबसे शक्तिशाली भारतीय होने के लिए छपी थीं… और वह 100 रुपये में उपलब्ध हैं। पाकिस्तानी जुर्माने ने शर्मनाक तरीके से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय पीआर को हाईजैक कर लिया है। हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे लिए बोलने के लिए अपने लोगों की जरूरत है।” CISF कांस्टेबल कुलविंदर कौर के अनुसार, उनकी माँ भी उस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थीं, और वह कंगना की टिप्पणियों से आहत थीं क्योंकि यह बात उनकी माँ पर भी लागू होती थी।

इसके अलावा ये भी बता दें कि अगर कोई यात्री सुरक्षा जाँच का पालन करने से इनकार करता है, जैसे कि फोन को एक्स-रे जाँच के लिए ट्रे पर न रखना, तो भी सुरक्षा कर्मियों को ऐसे किसी भी यात्री पर हमला करने का अधिकार नहीं है। प्रोटोकॉल के मुताबिक, ऐसे यात्रियों को सुरक्षा जाँच में सहयोग न करने के लिए विमान में चढ़ने से मना कर दिया जाएगा और अगर यात्री इस पर हंगामा करता है, तो उसे स्थानीय पुलिस के हवाले किया जा सकता है। किसी भी परिस्थिति में, एयरपोर्ट पर तैनात CISF का कोई भी जवान सुरक्षा जाँच का पालन न करने पर किसी यात्री को थप्पड़ नहीं मार सकता।

जानकारी के मुताबिक, इस मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

मूल रूप से ये रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित की गई है। मूल खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया