‘मणिपुर वीडियो काण्ड के आरोपितों को उनके कपड़ों से पहचानिए’: वामपंथी पूर्व सांसद एन्ड लॉबी वायरल कर रही तस्वीर, जानें क्या है सच

मणिपुर वीडियो काण्ड से RSS का संबंध बता कर वायरल की जा रही तस्वीर, जानें सच

हाल ही में मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ। 2 महिलाओं को नग्न कर उनका जुलूस निकाले जाने और गैंगरेप की घटना का ये वीडियो वायरल होते ही देश भर में सनसनी मच गई। हालाँकि, वीडियो वायरल होने से ढाई महीने पहले ये घटना हुई थी, लेकिन आरोपितों की गिरफ़्तारी वीडियो सामने आने के बाद हुई। विपक्षी दलों ने भी इस पर खूब राजनीति की। वहीं अब एक और प्रोपेगंडा फैलाते हुए बताया जा रहा है कि आरोपित RSS से संबंध रखते हैं।

‘RSS की पोशाक में मणिपुर वीडियो के आरोपित’: सोशल मीडिया पर वायरल

एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति और एक युवक RSS की पोशाक में एक मैदान में खड़े हैं। उन्होंने सफ़ेद शर्ट और खाकी रंग की पैंट पहन रखी है। पीछे RSS के कुछ अन्य लोगों का भी जमावड़ा देखा जा सकता है। इस फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि वही वही आरोपित हैं, जिन्होंने महिलाओं को नग्न कर उनका जुलूस निकाला और उनके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया।

दक्षिण भारतीय भाषाओं में भी ये ट्वीट वायरल हो रहा है। JNU छात्र संघ की अध्यक्ष और वामपंथी नेता आईसी घोष ने भी इसी पर आधारित एक तस्वीर शेयर की, जिसमें संघ की वेशभूषा में एक व्यक्ति को लाठी के साथ देखा जा सकता है और एक लड़की को क्रॉस पर लटकाया गया है। साथ ही इसमें ‘हिन्दू राष्ट्र’ लिख कर तंज कसा गया है। इसी तरह, कई वामपंथी हैंडल इस तरह की तस्वीरों को शेयर करने में लगे हुए हैं।

इसी तरह, सुभाषिनी अली कानपुर से सांसद रहीं वामपंथी नेता सुभाषिनी अली ने भी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये मणिपुर के आरोपित हैं, इन्हें इनकी कपड़ों से पहचानिए। हालाँकि, जब लोगों ने उन्हें सच्चाई के बारे में बताया तो उन्होंने बाद में लिखा कि ये सही नहीं है। साथ ही माफ़ी माँगने की भी बात कही। लोगों ने पूछा कि आखिर ये वामपंथी नेता इतना झूठ फैलाने में क्यों लगे हुए हैं?

इतना ही नहीं, ये दावा व्हाट्सएप्प पर भी तेजी से वायरल होने लगा। इसके बाद कई जागरूक लोगों ने इस बारे में सच्चाई दिखाने का भी बीड़ा उठाया और बताया कि कैसे एक झूठा दावा शेयर किया जा रहा है।

व्हाट्सएप्प पर फेक दावे पर रोक लगाने के लिए अपील

मणिपुर के आरोपितों और RSS को साथ जोड़ने वाला दावा झूठा

बता दें कि ये दावा एकदम झूठा है। मणिपुर वायरल वीडियो काण्ड के आरोपितों का RSS से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। अब सवाल उठता है कि फिर तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति कौन हैं? असल में ये फोटो मणिपुर के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह की है। साथ में दिख रहा व्यक्ति उनका बेटा है। उन्होंने वायरल तस्वीरों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उनके या उनके परिवार का इस घृणित अपराध, या इस तरह के किसी भी अपराध से कोई लेनादेना नहीं है।

इस झूठ को बढ़ावा देने वालों में अधिकतर वामपंथी शामिल हैं। मणिपुर के भाजपा उपाध्यक्ष के बेटे को नाबालिग बताया जा रहा है। कुछ फैक्ट-चेक हैंडलों ने अपील की है कि लोगों को अपने-अपने राज्यों में ऐसा झूठ फैलाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करानी चाहिए।

अतः, ये दावा पूरी तरह झूठा है। मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर जुलूस निकाले जाने और उनका गैंगरेप किए जाने की घटना के आरोपितों से RSS का कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में मणिपुर के DGP को भी पत्र लिख कर ऐसा झूठ फैलाने वालों पर कार्रवाई की माँग की गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया