एक और किसान हो गए ‘शहीद’, PM मोदी यह असहनीय है: कॉन्ग्रेसी नेता और हीरो सबने किया शेयर – Fact Check

किसान हो गए 'शहीद', वायरल हो रही यह फेक न्यूज़

देश भर में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा चल रही है। जहाँ एक तरफ मोदी सरकार के खिलाफ अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए खालिस्तानी समर्थक, वामपंथी गिरोह और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किसान आंदोलन हाइजैक किया जा चुका है, वहीं कथित किसानों के प्रति सहानुभूति रखने वाले कई सोशल मीडिया यूजर्स अब फर्जी खबरें फैलाने में लगे हैं। इस बीच इंटरनेट पर ऐसी ही एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसके जरिए लोगों को भ्रमित किया जा रहा।

दरअसल, सोशल मीडिया पर गुरुवार (24 दिसंबर, 2020) को कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्यों, कुछ किसान संगठनों और एक अभिनेता द्वारा एक मृत बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर शेयर की गई। जिसको लेकर उन्होंने दावा किया कि यह तस्वीर हरियाणा-दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से एक बुजुर्ग किसान की है, जिनकी मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई।

जम्मू और कश्मीर की यूथ कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता आबिद मीर मगामी ने ट्वीट कर दावा किया कि मौजूदा विरोध प्रदर्शन में एक और किसान ‘शहीद’ हो गया है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए मृत किसान की तस्वीर भी शेयर की।

जम्मू और कश्मीर की यूथ कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता

दूसरी ओर किसानों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले अखिल भारतीय किसान संघर्ष संगठन ने भी अपने ट्विटर एकाउंट पर इसी तस्वीर को साझा करते हुए लोगों को भरमाया और दावा किया कि मृत किसान दिल्ली किसान मोर्चा का एक सदस्य है, जिसने विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया है।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष ने लिखा, “दुखी मन से बता रहा हूँ, दिल्ली किसान मोर्चे में एक और किसान भाई शहिद हो गए, उनके इस शहादत को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूँ।” यहीं नहीं, इस पोस्ट में उन्होंने स्वघोषित पत्रकार विनोद कापरी और प्रशांत कनौजिया, इस्लामी सईमा और अभिनेता सोनू सूद को टैग भी किया। गौरतलब है कि कापरी, कनौजिया और सईमा फेक न्यूज़ फैलाने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर लोगों को उकसाने के लिए कुख्यात हैं।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष का ट्वीट

इनके अलावा अभिनेता सुशांत सिंह भी हमेशा की तरह फर्जी न्यूज़ के लपेटे में आ गए। उन्होंने एक अन्य सोशल मीडिया यूजर के एक पोस्ट को शेयर किया, जिसने इसी फर्जी न्यूज़ को बढ़ावा देने का काम किया था। पोस्ट को शेयर करते हुए कथित अभिनेता ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा कि यह ‘असहनीय’ है।

सुशांत सिंह का ट्वीट

हालाँकि, कथित किसान विरोध से जुड़े ट्रॉल्स द्वारा साझा की गई तस्वीर का अभी के समय से कोई लेना-देना नहीं है।

फैक्ट चेक

बुजुर्ग मृतक व्यक्ति की तस्वीर, जिसे आक्रामक रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह दावा करते हुए साझा किया जा रहा है कि वह कथित किसानों की दिल्ली चलो रैली में प्रदर्शनकारियों में से एक थे और उसकी विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई, यह खबर फैक्ट चेक के दौरान झूठ साबित हुआ है।

ट्विटर यूजर Befittingfacts ने ट्रोल्स और राजनीतिक हैंडल द्वारा फैलाए गए इस झूठ का पर्दाफाश करते हुए इन्हें जम कर लताड़ा है। साथ ही पुलिस से इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की माँग भी की है।

https://twitter.com/BefittingFacts/status/1342340034054082561?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि यह तस्वीर 2, सितंबर 2018 में पहली बार फेसबुक पर गरीब जट्ट नाम के एकाउंट से साझा की गई थी। फेसबुक पोस्ट के अनुसार, बोहड़ी चौराहे पर लगभग 70 साल का एक बूढ़ा व्यक्ति मृत पाया गया था। जिनकी डिटेल उस समय उपलब्ध नहीं थी।

इस पोस्ट के जरिए उन्होंने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से पोस्ट शेयर करने का आग्रह किया था, ताकि मृतक के परिवार को उनकी मृत्यु के बारे में पता चल सके। यहाँ आप उस फेसबुक पोस्ट का स्कीनशॉट देख सकते हैं जोकि 2 साल पहले पोस्ट किया गया था।

2 साल पहले शेयर किया गया पोस्ट

इस फैक्ट चेक से यह बात साबित होती है कि सोशल मीडिया पर अधिकतर तस्वीरें मात्र लोगों को गुमराह करने या बरगलाने के लिए साझा की जा रही है। इन फेक खबरों का उद्देश्य केवल केंद्र सरकार को घेरने और विपक्षी पार्टियों द्वारा राजनीतिक रोटियाँ सेकने के लिए किया जा रहा है।

वहीं जैसे ही सोशल मीडिया यूजर्स ने फर्जी न्यूज पेडर्स को फैक्ट चेक कर के पुराने फेसबुक पोस्ट को शेयर करना शुरू किया, अभिनेता सुशांत सिंह ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि यह मेरे लिए सबक है और मुझे इसके लिए पीएम मोदी से भी माफ़ी माँगनी चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया