इच्छाधारी आंदोलनकारी योगेन्द्र यादव ने की गणतंत्र दिवस पर बोरिस जॉनसन बन कर आने की पेशकश

बोरिस जॉनसन बनने के लिए योगेन्द्र यादव का ट्रायल (तस्वीर लीक होकर वायरल हुई है)

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत आने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है। लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि इच्छाधारी आन्दोलनकारी योगेन्द्र यादव ने केंद्र सरकार के सामने गणतंत्र दिवस के दिन बोरिस जॉनसन बनकर आने की इच्छा जाहिर की है।

जी हाँ, आजकल किसान आंदोलनों में एक प्रदर्शनकारी की भूमिका निभा रहे इच्छाधारी आंदोलनकारी योगेंद्र यादव ने ये प्रस्ताव खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा। उन्होंने ऑपइंडिया से बात करते हुए, बहुत ही विनम्र और धीमी आवाज में, शब्दों को चबाते हुए कहा, “राष्ट्रहित में मैं बोरिस जॉनसन क्या, डोनल्ड ट्रम्प भी बन सकता हूँ। आपको क्या लगता है कि ‘नमस्ते ट्रंप’ इवेंट में मोदी जी के साथ ट्रंप थे? वहाँ भी मैं ही था। चार पैसे मिल जाएँ तो किसान, चार और मिल जाएँ तो मजदूर… अपनी तो मस्त कट रही है ब्रो!”

योगेन्द्र यादव ने हमें बताया कि हाल ही के कुछ समय में देश में इच्छाधारियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है, इस बात की गंभीरता को जानते हुए उन्होंने बोरिस जॉनसन के मना करने की खबर सुनते ही तुरंत अपने लम्ब्रेटा स्कूटर को थोड़ा झुकाकर दो किक मारी और प्रधानमंत्री मोदी के सामने यह प्रस्ताव रखा। लेकिन पीएम मोदी ने कहा कि उनके सामने योगेन्द्र यादव से पहले ही लिबरलों के दुग्गल साहब यानी ध्रुव राठी भी ये पेशकश कर चुके हैं।

हालाँकि, पीएम मोदी ने ऑपइंडिया से बताया कि उनकी हार्दिक इच्छा ना योगेन्द्र यादव को बोरिस भाई जॉनसन बनाने की है और ना ही ध्रुव राठी को! प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी इच्छा है कि अगर किसी विदेशी को ही मेहमान बनाना है तो क्यों न राहुल गाँधी को ही ये मौका दिया जाए?

असमंजस की स्थिति में पीएम मोदी ने कहा कि जनता के बीच योगेन्द्र यादव और ध्रुव राठी ने अपनी इच्छाधारी शक्तियों का लोहा मनवाया है लेकिन फिर भी जो मजा राहुल गाँधी जनता को दे सकते हैं वह योगेन्द्र और राठी सामूहिक रूप से नहीं दे सकते। इस पर, राहुल गाँधी के पास वर्तमान में एक बड़ी बढ़त ये भी है कि वो विदेशों में ही किसी अज्ञात जगह पर हैं और भारत में किसानों के साथ आँदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

गौरतलब है कि कभी कानून के जानकार, कभी किसान मामलों के जानकार, कभी कोरोना एक्सपर्ट, कभी राजनीतिज्ञ, तो कभी साहित्य के बारे में भरपूर जानकारी रखने वाले योगेन्द्र यादव कई बार अपनी क्षमताओं को साबित भी कर चुके हैं। इस कारण पीएम मोदी अभी उनके नाम पर भी विचार कर रहे हैं। इस बारे में अंतिम फैसला आने पर सबसे पहले हमारे गोपनीय सूत्रों को ही सूचित किया जाएगा।

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