अजय देवगन के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करना शख्स को पड़ा मँहगा, जज ने पूरे कानपुर में विमल बाँटने का दिया आदेश

फेसबुक पोस्ट को लेकर हुआ विवाद

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक दिल दहला देने वाला प्रकरण सामने आया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि एक शख्स को सोशल मीडिया पर अजय देवगन के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया है।

युवक पर आरोप है कि उसने यह पोस्ट लिखकर विमल (केसर वाला) खाने वालों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने और कानपुर के पान-बहार फैब्रिक को तोड़ने का काम किया है। इस मामले में स्थानीय अदालत ने तुरंत संज्ञान लेते हुए फैसला सुनाया है। अदालत ने आपत्तिजनक पोस्ट लिखने वाले उस युवक को अगले एक साल तक कानपुर के हर गली-मोहल्ले में ‘विमल’ बाँटने की सजा सुना दी है और साथ ही उसे ‘बोलो जुबाँ केसरी’ के नारे भी लगाने होंगे। देखते ही देखते यह घटना राष्ट्रीय मुद्दा बन गई और इसी बीच ट्विटर पर भी #vimal4life हैशटैग भी पहले नंबर पर ट्रेंड करने लगा।

आरोप है कि कानपुर मूल के युवक केसरी ने सिर्फ अजय देवगन के खिलाफ ही पोस्ट नहीं किया, बल्कि यह भी लिखा है कि उन्हें अजय देवगन अभिनीत राम गोपाल वर्मा की आग फिल्म पसंद नहीं है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने वाली कमिटी ‘कानपुर- जुबाँ केसरी एकता मंच’ के प्रमुख सचिव का कहना है-

“अजय देवगन के खिलाफ पोस्ट लिखने से भी हमें विशेष शिकायत नहीं थी, यह उनकी अभिव्यक्ति के अधिकार के अंतर्गत आता है। लेकिन जब उसने पान-गुटखा खाने वालों को कानपुर छोड़कर धामपुर भेज दिए जाने की बात लिखी तो यह उनके कानपुर में रहते हुए पान खाने की स्वतंत्रता के अधिकार, अनुच्छेद 21-(क) का उल्लंघन माना जाएगा। अजय देवगन ने पान-गुटखा खाने वालों की जुबाँ केसरी कर के हमें एक करने का काम किया है और आज उनकी बदौलत विश्वस्तर पर लोग विमल खाने और इसके केसरी रंग के प्रति जागरूक हो रहे हैं।”

फेसबुक पर अजय देवगन को लेकर विवादित पोस्ट से नाराज एक पान-बहार कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि युवक ने विमल इलायची में कमियाँ निकालते हुए लिखा है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली केसर में ‘वो’ बात नहीं है क्योंकि ये पाकिस्तान से आता है। युवक ने अपने पोस्ट में रामगोपाल वर्मा की आग और हिम्मतवाला फिल्मों में अजय देवगन की एक्टिंग को भी निशाना बनाया है। नाराज प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें पूरी पोस्ट ने उतना आहत नहीं किया था, जितना उस आखिरी लाइन ने, जिसमें की राम गोपाल वर्मा की आग फिल्म की निंदा की गई है।

हालाँकि, नाम न बताने की शर्त पर यह विवादित पोस्ट लिखने वाले बहुसंख्यक समुदाय के युवक केसरी का कहना है कि यह एक मामूली पोस्ट था और उसका मकसद किसी भी पान-गुटखा खाने वाले सज्जन की भावना को आहत करना नहीं था। केसरी ने पान-बहार एकता मंच के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए हैं कि उन्हें अक्सर जबरदस्ती विमल पान खाने के लिए प्रेरित किया जाता है और जबरन ‘बोलो जुबाँ केसरी’ के नारे लगवाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है।

अदालत के फैसले पर नालसार से कानून के जानकार, प्राइम टाइम का कैमरा अपने घर में लगा कर रखने वाले वीसी ने बताया है कि संवैधानिक दायरे में तो जज अगर चाहते तो युवक को पूरे शहर की दीवार रंगने की बात भी कह सकते थे। लेकिन उन्होंने इस डर से नहीं कहा क्योंकि भगवा लहर को रोकना उनकी मंशा थी, हवा देना नहीं।

केसरी ने भावुक शब्दों में यह भी कह दिया कि जिस आदमी का अपना ही नाम केसरी हो, उसे जुबाँ के केसरी होने से क्या फ़र्क़ पड़ता है। साथ ही केसरी ने जोर देते हुए कहा कि आज के दिन जो लोग दिन के पाँच वक़्त विमल खाते हैं, उन्हीं लोगों के पूर्वज कभी कमला पसंद खाया करते थे इसलिए उन्हें ज्यादा फैलना नहीं चाहिए।

सामाजिक समरसता कायम करने के लिए कानपुर में रैली करेंगे अजय देवगन

इस घटना से पैदा हुए तनाव को शांत करने के लिए खुद अजय देवगन ने फैसला किया है कि वो कानपुर में एक विमल इलायची रैली का आयोजन करेंगे और इसमें वो 2 मोटरसाइकिल पर बैठकर पहुँचने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इस रैली में मौजूद लोगों को हर किस्म के पान और गुटखे वितरित किए जाएँगे ताकि कानपुर की संस्कृति में पान-बहार फैब्रिक बना रहे।

रैली में कुछ इस तरह नजर आएँगे अजय देवगन (प्रतीकात्मक चित्र)
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