मिर्जापुर 2 में जिस लेखक सुरेंद्र मोहन के उपन्यास ‘धब्बा’ को दिखाया, उन्होंने कहा – ‘चेंज करो इसे’

उपन्यासकार सुरेंद्र मोहन पाठक ने बताया मिर्जापुर 2 को घटिया

हाल ही में अमेज़न प्राइम पर आई वेब सीरीज़ मिर्जापुर 2 पर विवाद ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। कुछ ही दिनों पहले मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने इसके निर्माताओं पर आरोप लगाया था कि इस वेब सीरीज़ में शहर की छवि को बदनाम करने का प्रयास हुआ है। इसके बाद यह वेब सीरीज़ अब नए विवाद में फँसती नज़र आ रही है। हिन्दी के उपन्यासकार सुरेंद्र मोहन ने मिर्जापुर के निर्माताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस सीरीज़ के भीतर उनके उपन्यास ‘धब्बा’ को गलत तरीके से पेश किया। 

उन्होंने इस संबंध में मिर्जापुर वेब सीरीज़ निर्माण से जुड़े संबंधित तमाम लोगों को नोटिस जारी करते हुए एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने बताया कि मिर्जापुर 2 के तीसरे एपिसोड के एक दृश्य में सत्यानन्द त्रिपाठी (कुलभूषण खरबंदा) को उनका उपन्यास ‘धब्बा’ पढ़ते हुए दिखाया गया है। यह उपन्यास साल 2010 में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि उस किरदार को जिस तरह उनका उपन्यास पढ़ते हुए दिखाया गया है, उसका मूल उपन्यास के किसी भी किस्से से कोई लेना देना नहीं है। 

https://twitter.com/SurenderMPathak/status/1321106257256722432?ref_src=twsrc%5Etfw

इतना ही नहीं, उपन्यास में बलदेव राज नाम का कोई किरदार भी नहीं है जैसा कि उस संदर्भ में दिखाया गया है। इसके विपरीत दृश्य में जो पढ़ा या दिखाया गया है वह घोर अश्लीलता है। सुरेंद्र मोहन के अनुसार वह इस तरह की पंक्तियाँ कभी नहीं लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पाठक भी उनसे इस तरह की पंक्तियों की आशा नहीं करते हैं।

सुरेंद्र मोहन ने मिर्जापुर 2 में पेश किए गए डायलॉग को घटिया बताया है। उनका यह भी कहना है कि जिस तरह एपिसोड के उस हिस्से में उनके उपन्यास को शामिल किया गया है, उससे पिछले 5 दशकों में बनाई गई उनकी छवि पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाला है। 

इसके अलावा अपने नोटिस में उन्होंने अपनी बात की अनदेखी होने पर क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि संबंधित दृश्य में जल्द से जल्द सुधार किया जाए, इस मामले पर ज़रूरी कदम उठाया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वह क़ानूनी कार्रवाई के लिए मजबूर होंगे। अंत में उन्होंने यह भी लिखा है कि वह एक हफ्ते के भीतर अपनी इस आपत्ति पर प्रतिक्रिया की उम्मीद रखते हैं। 

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वरिष्ठ समीक्षक ने सबसे पहले इस बात पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद तमाम सोशल मीडिया यूज़र्स ने सीरीज़ के उस दृश्य को लेकर सवाल खड़े किए। अंत में यह बात धब्बा उपन्यास के लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक के पास पहुँची। जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी तरफ से प्रतिक्रिया जारी की। उन्होंने अपनी शिकायत में फरहान अख्तर, रितेश सेध्वानी, अमेज़न प्राइम, एक्सेल मूवीज़, पुनीत कृष्ण समेत कई अन्य लोगों को शामिल किया है।    

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सांसद और अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अमेज़न प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ को लेकर आपत्ति जताई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस वेब सीरीज के जरिए इस क्षेत्र को हिंसक बताते हुए इसे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिर्जापुर विकास के पथ पर अग्रसर है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि मिर्जापुर समरसता का केंद्र है, लेकिन जिले के नाम पर वेब सीरीज बना कर जातीय वैमनस्य फैलाया जा रहा है। बता दें कि ‘मिर्जापुर’ में यूपी की सीएम बनने से पहले माधुरी नामक किरदार एक डायलॉग बोलती है कि वो यादव की बेटी है और ब्राह्मण परिवार की बहू, इसीलिए उनके पार्टी को संभालने से इन दोनों ही जातियों में अच्छा सन्देश जाएगा। फिल्म में सारे गुंडे-बदमाशों को ब्राह्मण ही दिखाया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया