‘सिंदूर खेला’ से लाल होकर निकलीं नुसरत जहां, कहा – ‘मैं बहुत खुश हूँ, लोग क्या कहते हैं फर्क नहीं पड़ता’

सिंदूर खेला के बाद पति निखिल जैन के साथ नुसरत जहां

तृणमूल कॉन्ग्रेस सांसद नुसरत जहां ने आज पारंपरिक बंगाली बहु का फर्ज निभाते हुए सिंदूर खेला में हिस्सा लिया। सिंदूर खेला के लिए अपने पति निखिल जैन के साथ वो चलताबागान दुर्गा पूजा पंडाल में आई थीं।

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इस उत्सव के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “मैं भगवान की सबसे प्यारी बच्ची हूँ। मैं सभी पर्व का आनंद उठा सकती हूँ। मैं अन्य बातों की अपेक्षा प्यार और मानवता को ज्यादा इज्जत देती हूँ। मैं बहुत खुश हूँ और विवादों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

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शादी के बाद पहली बार सिंदूर खेला में आई सुहागन ‘विवादित’ जैसे शब्द क्यों प्रयोग करती है, इसके लिए आपको सांसद नुसरत के साथ हाल में हुए वाकये जानने होंगे। दरअसल जब से उन्होंने निखिल जैन (जो एक बिजनेसमैन हैं और धर्म से हिंदू हैं) से शादी की है, कट्टरपंथियों ने उन्हें हर छोटी से छोटी चीज के लिए ट्रोल किया है। सिंदूर-चूड़ा पहन संसद गईं तो ट्रोल, झुककर पैर छूकर प्रणाम किया तो ट्रोल! देवी दुर्गा के लिए एक वीडियो में डांस किया तो ट्रोल!

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ट्रोलिंग तक बात होती तो शायद समझ में आती। लेकिन यह बहुत आगे बढ़कर उन्हें जान से मारने तक पहुँच गई है। और यह किसी आम सोशल मीडिया यूजर ने नहीं कही है। यह बात कही है कॉन्ग्रेस के एक समर्थक ने। उसने कहा था, “नुसरत जहां ने बुर्के की बजाय सिंदूर-मंगलसूत्र को इसलिए चुना क्योंकि यह उसकी ‘आजादी’ है। इसके लिए नुसरत को तुरंत मार दिया जाना चाहिए। वरना पूरा समुदाय खतरे में आ जाएगा।” क्यों कहा था? क्योंकि नुसरत ने परंपरा निभाते हुए दुर्गा अष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा की थी।

आपको बता दें कि बंगाली संस्कृति में दुर्गा पूजा और उसके बाद सिंदूर खेला का महत्व बहुत ज्यादा है। शादीशुदा बंगाली महिलाएँ इस दिन अपने माँग में सिंदूर लेकर देवी दुर्गा के चरणों में भी सिंदूर अर्पित करती हैं। इसके बाद वो आपस में एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सिंदूर खेला का उत्सव मनाती हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया