हलाला, तीन तलाक में कब दिखाओगे बदलाव: आमिर खान के नए AD में हिंदू रीति-रिवाजों पर उठाया गया सवाल, विवेक अग्निहोत्री बोले- ‘फिर कहते हो हिंदू ट्रोल करते हैं’

आमिर खान के नए एड को देख भड़के विवेक अग्निहोत्री (तस्वीर साभार: द फेडरल न्यूज)

आमिर खान और कियारा आडवाणी ने भले ही साथ में कोई फिल्म न की हो, लेकिन एक विज्ञापन में वो दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ नजर आए हैं। ये विज्ञापन AU स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए शूट किया गया। चूँकि इसकी टैगलाइन थी- बदलाव हमसे है, इसलिए क्रिएटिविटी के नाम पर दिखाया गया कि शादी में अब लड़कों की विदाई उनके घरों से होनी चाहिए। विज्ञापन देखने के बाद सोशल मीडिया पर हिंदू भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि बदलाव के नाम पर हिंदू रीति-रिवाज को क्यों चेंज करने पर जोर दिया जा रहा है।

विज्ञापन में देख सकते हैं कि एक गाड़ी में दूल्हा (आमिर खान)-दुल्हन (कियारा आडवाणी) बिदाई के बाद घर जा रहे हैं। आमिर खान कहते हैं कि ये पहली बिदाई है जिसमें लड़की नहीं रोई। इसके बाद अगल सीन गृह प्रवेश का है। यहाँ आमिर पूछते हैं अंदर पहले कौन जाएगा? कियारा जवाब देती हैं कि जो नया है वो। आमिर कहते हैं यानी ‘मैं’। आगे गृह प्रवेश होता है और लड़की की जगह आमिर को घर में प्रवेश करते दिखाया जाता है। आखिर में संदेश दिया जाता है- सदियों से जो प्रथा चलती आ रही है, वो चलती है क्यों? तभी तो हम सवाल पूछते हैं बैंकिंग की हर प्रथा से ताकि आपको मिले बेस्ट सर्विक- AU बैंक- बदलाव हमसे है।

इस एड को देखने के बाद कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई जिनमें से एक विवेक रंजन अग्निहोत्री भी हैं। उन्होंने कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि आखिर बैंक कबसे सामाजिक और धार्मिक प्रथाओं में बदलाव लाने की जिम्मेदारी लेने लगे। मुझे लगता है कि AU बैंक को बैंकिंग की जगह एक्टिविज्म करना चाहिए। ऐसी बकवास करते हैं फिर कहते हैं कि हिंदू लोग ट्रोल करते हैं।”

इस एड के बाद आमिर की वो वीडियो शेयर की जा रही है जिसमें उनसे ईद पर जानवरों की कुर्बानी देने पर सवाल पूछा गया था। आमिर ने यहाँ पर कहा था कि उन्हें लगता है कि मजहब बहुत ही पर्सनल मैटर है। सबकी अपनी भावनाएँ हैं। उनकी भी अपनी आस्था है। इसलिए वह दूसरों के बारे में कुछ नहीं कहना चाहते।

इस बयान के साथ ये विज्ञापन दिखाकर कहा जा रहा है कि आमिर का पाखंडी चेहरा देखें। जब वो हिंदू धर्म का विज्ञापन करते हैं तो बदलाव सही है, पर मजहब पर बात आए तो कुछ नहीं कहना है।

यूजर्स का पूछना है कि आखिर ऐसे काम निकाह और हलाला जैसे मुद्दों पर क्यों नहीं बनाए जाते। हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों को गलत दिखाने की क्या होड़ है। लोगों का पूछना है कि आमिर खान तीन तलाक और हलाल में बदलाव पर कब बात करेंगे

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया