गुजरात ने दिखाई आत्मनिर्भर भारत की राह: अजंता घड़ी वाला मोरबी चीनी टॉय मार्केट की लेगा जगह

बॉयकॉट चाइना को मोरबी पावर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सेरेमिक टाइल्स गुजरात के मोरबी की पहचान हैं। अब यहॉं की फर्मों ने बाजार में चीनी खिलौनों की जगह छाने का बीड़ा उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यहॉं के करीब 150 फर्म ने चीनी उत्पादों का विकल्प तैयार करने का निश्चय किया है। चीनी उत्पादों के बहिष्कार की दिशा में यह निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

मोरबी के करीब 150 इलेक्ट्रॉनिक आइटम और घड़ी निर्माता उन फर्मों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जो भारतीय बाजार के लिए चीन से सामान लेकर उत्पाद बनाते हैं। निर्माताओं का मानना ​​है कि 25000 से अधिक कुशल श्रमशक्ति और आवश्यक बुनियादी ढाँचे के साथ, वे मोरबी में कई ऐसे उत्पादों को बनाने में अच्छी तरह से सक्षम हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी दीवार घड़ी बनाने वाली अजंता ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने कहा कि कोविद-19 के प्रकोप के बाद से माँग में कमी के कारण मोरबी में मुश्किल से 20 फीसदी की क्षमता के साथ काम हो रहा है। तो ऐसे में हमने अपनी क्षमताओं को देखना शुरू किया और निर्णय लिया कि हम चीन को छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक आपूर्तिकर्ता के रूप में रिप्लेस करेंगे।

अंजता घड़ियों के एमडी ने कहा कि वे केवल खिलौनों और गिफ्ट आदि का सामान बनाने वालों के लिए प्रोडक्ट्स का उत्पादन नहीं करेंगे। बल्कि हिताची, सैमसंग और एलजी जैसे कंपनियों के लिए भी काम करेंगे। सामान की लागत पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे न केवल चीन की तुलना में बेहतर लागत पर उत्पादों को वितरित करने के मामले में आश्वस्त हैं, बल्कि वे बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण भी कर रहे हैं।

पीएम मोदी को भी लिखा गया है पत्र

पटेल ने इस संबंध में मदद के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। इस पत्र के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा गया है जिसमें प्रोडक्ट्स के काम पर सरकार का समर्थन और संरक्षण माँगा गया है।”

5 जुलाई को पीएम को भेजे इस पत्र में लिखा गया, “भारतीय MSME चीनी उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पर्याप्त सक्षम है, बशर्ते हम चीनी उत्पादों के अनैतिक आयात पर अंकुश लगाएँ। यह MSME क्षेत्र के लिए एक बड़ी सहायता और वरदान होगा, यदि हम इस तरह के अनैतिक आयातों पर अंकुश लगा सकते हैं।”

गौरतलब है कि मोरबी गुजरात का एक जिला है। यहाँ सेरेमिक या चीनी मिट्टी की टाइल्स का बड़े स्तर पर काम होता है। पूरा जिला अपने इस काम के अलावा अजंता प्लांट के लिए जाना जाता है। जहाँ इलेक्ट्रॉनिक आइटम और घड़ियों का निर्माण होता है।

शुरुआत में मोरबी नलिया टाइल्स या मिट्टी की छत की टाइलें बनाता था। लेकिन समय के साथ यहाँ सेरेमिक टाइल्स का निर्माण होने लगा और देखते ही देखते, ये जगह अब सेरेमिक टाइल्स का हब बन चुका है।

उधर चीन भी चीनी मिट्टी के प्रोडक्ट्स का सबसे बड़ा निर्यातक है। लेकिन मोरबी में टाइल्स निर्माताओं के अनुसार, पड़ोसी देश से आपूर्ति बंद हो गई है। इसलिए चीन के प्रभुत्व वाले बाजार अब भारतीय टाइल निर्माताओं की ओर देख रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया