कैंसर से लड़ रही थीं लीजा रे, चैनल ने बाल की वजह से निकाल दिया बाहर: बोली हिरोइन- मैंने मौत को करीब से देखा, मीडिया ने अच्छा नहीं किया

बॉलीवुड एक्ट्रेस लीजा रे साझा की कैंसर से अपनी लड़ाई (फोटो साभार: india today/ Humans of Bombay )

बॉलीवुड एक्ट्रेस लीजा रे (Liza Ray) ने कैंसर से अपनी जंग और उससे उबरने के बाद जिंदगी में आए बदलाव को लेकर बात की है। 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस (National Cancer Awareness Day) के मौके पर उन्होंने इस बात को Official Humans of Bombay के साथ खुलकर साझा किया। उन्होंने बताया कि वह समय उनके लिए बेहद पीड़ादायक रहा। उन्हें साल 2009 में बोन मैरो कैंसर हुआ था। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के बाद वह कैंसर फ्री हो गई हैं।

Official Humans of Bombay के साथ अपना अनुभव शेयर करते हुए लीजा रे ने बताया कि उन्हें काफी समय से थकान महसूस हो रही थी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। जब उन्होंने टेस्ट कराए तो कैंसर के बारे में पता चला। लीजा के मुताबिक, “जब डॉक्टर ने पहली बार मेरी ब्लड टेस्ट रिपोर्ट देखी तो कहा- अब तक आप कैसे खड़ी हैं? आपके ब्लड का रेड सेल काउंट काफी कम हैं और आपको कभी भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है।”

‘कसूर’ फिल्म की एक्ट्रेस लीजा रे ने साल 2012 में शादी की थी। उनकी दो बेटियाँ हैं। एक्ट्रेस ने कहा, “टेस्ट कराने के बाद डॉक्टर ने मुझे बोन मैरो कैंसर के बारे में है। सालों में मेरी लाइफ पहली बार थम सी गई थी। मैंने लंबी साँस ली और इसका इलाज कराने का सोचा। मैं हमेशा से ही अपनी लाइफ में काफी भागती-दोड़ती रही हूँ। मेरी लाइफ का एक हिस्सा रेड कार्पेट से जुड़ा रहा, लेकिन वहीं जब मुझे कैंसर के बारे में पता चला तो लगा कि मेरी लाइफ का दूसरा हिस्सा स्पिरिचुअल पीस माँग रहा है।”

लीजा रे ने कहा, “मैं हमेशा से ही एक किताब लिखना चाहती थी। मैं सोचती थी कि इससे मैं खुद को कनेक्ट कर सकूँगी। लेकिन काम के चलते मैं कभी नहीं लिख पाई। फिर कैंसर ने मेरी पूरी जिंदगी बदल दी। मेरी जब स्टेम सेल सर्जरी हुई तो मैंने मौत को करीब से देखा। यह मेरा एक ऐसा अनुभव रहा, जिसे मैं जीवन में कभी नहीं भुला सकती। कह सकते हैं कि इस सर्जरी के बाद मेरा दोबारा जन्म हुआ है। मुझे याद है वो दिन जब मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया था। कैंसर के साथ जीकर कैसा महसूस होता है, इसके बारे में मैंने पहला आर्टिकल लिखा था। कई लोगों ने वह आर्टिकल पढ़कर मेरी सराहना की थी। किसी तरह मुझे हिम्मत मिली। ट्रीटमेंट के बाद मैंने एक इवेंट में विग पहनी, लेकिन उसे पहनकर मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ। मैंने खुद से कहा कि मुझे यह नहीं करना है। इसे हटाओ और अपनी असलियत को अपनाओ। मैं बॉल्ड लुक (गंजेपन) में सबके सामने आई। हर जगह सुर्खियों में थी। लेकिन मेरे लिए इससे बढ़कर खुद को उसी तरह एक्सेप्ट करना था जो मेरी सच्चाई थी।”

उन्होंने आगे कहा, “सच बताऊँ तो मीडिया मेरे साथ कुछ अच्छी नहीं रही। कीमोथेरेपी के बाद मैं एक ट्रैवल शो का हिस्सा बनीं। उसमें मेरे बाल छोटे थे। मैंने उसे ‘कीमो कट’ नाम दिया था, लेकिन चैनल ने मुझे रिप्लेस कर दिया, क्योंकि उन्हें कोई लंबे बाल वाली लड़की चाहिए थी। मेरे लिए यह काफी हार्ट ब्रेकिंग रहा। तीन साल बाद जाकर मैं फिर पब्लिक में आई। चीजें बदली हुई थीं। मेरी शादी होने वाली थी। ये तीन साल मेरे लिए काफी चैलेंजिंग रहे। मेरी बॉडी ने मुझे बताया कि उसे क्या चाहिए। मैं तीन हफ्ते के ट्रांसफॉर्मेशन पर गई। मैंने मेडिटेट किया, जूस पिया, स्प्राउट्स खाए और खुद को जाना। मैं अंदर से टूट गई थी, फिर भी मैंने कैंसर को मात दी। स्टेम सेल सर्जरी से भी मुझे फायदा मिला।”

अभिनेत्री ने बताया कि आज 9 साल हो गए हैं, अब वह पूरी तरह से कैंसर फ्री हैं। बहुत कुछ बदल गया है। इन सालों में उन्होंने फिल्में कीं, किताब लिखी, कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाई, बच्चों को जन्म दिया और आर्ट के जरिए खुद को लाइफ में आगे बढ़ाया। काफी अलग अनुभव रहा यह देखकर कि जहाँ एक बीमारी हमें मौत के मुँह में ढकेलती है, उसी ने उन्हें अहसास कराया कि लाइफ कितनी अद्भुत होती है। आज के समय में वह काफी जिंदादिल महसूस करती हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया