नोबेल प्राइज कमिटी के डेप्यूटी लीडर भी हुए PM मोदी के मुरीद: बताया- सबसे भरोसेमंद नेता, कहा- उनकी नीतियों से समृद्ध और शक्तिशाली बन रहा भारत

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

नोबेल प्राइज कमिटी के डेप्युटी लीडर एस्ल टोये (Asle Toje) ने अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि वे एक ताकतवर देश के नेता हैं और उनकी बातों को दुनिया भर में बहुत गंभीरता से सुनी जाती है।

गुरुवार (15 मार्च 2023) को मीडिया संस्थान ABP से बात करते हुए एस्ल टोये ने पीएम मोदी को दुनिया में शांति स्थापित करने वाले बड़े एवं विश्वसनीय चेहरों में से एक बताया। देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की नीति के कारण भारत एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बन रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और PM मोदी का रोल

मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लंबे समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी एस्ल टोये (Asle Toje) ने बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ऐसे नेता हैं, जो न केवल भारत और इसकी अर्थव्यवस्था के उत्थान का ख्याल रखते हैं, बल्कि दुनिया भर के मामलों में योगदान और भागीदारी भी करते हैं। नेस्ले के हवाले से कहा गया:

“पीएम मोदी बहुत ताकतवर देश से आते हैं। उन्हें बहुत ही गंभीरता से लिया जाता है। उनके भीतर बेहद विश्वसनीयता है। वे अपनी विश्वसनीयता और ताकत का इस्तेमाल इस भयावह युद्ध को रोकने में करेंगे।”

एस्ल टोये ने अमेरिका और चीन से तुलना करते हुए कहा कि परमाणु युद्ध और बचाव की बात करने के बजाय इन दोनों देशों को भारत से सीखना चाहिए। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया को भारत से सीखने की जरूरत है और अंततः भारत का सुपरपावर बनना तय है।

इसके पहले मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि PM नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के सबसे बड़े दावेदार हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि यह बात नोबेल प्राइज कमिटी के डेप्युटी लीडर एस्ल टोये (Asle Toje) ने कही है। हालाँकि, बाद में टोये ने इस तरह के किसी भी बयान से इनकार कर दिया। उन्होंने इसे फेक न्यूज बताया।

नॉर्वेजियन नोबेल समिति के उपनेता एस्ल टोये ने गुरुवार (15 मार्च 2023) को मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के ‘सबसे बड़े दावेदार’ हैं। टोये ने इसे फेक न्यूज बताते हुए इस पर चर्चा से इनकार कर दिया। हालाँकि, उन्होंने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की।

एस्ल टोये ने इसे फेक न्यूज बताया। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए टोये ने कहा कि वह भारत में नोबेल समिति के उपनेता के रूप में नहीं, बल्कि इंटरनेशनल पीस एंड अंडरस्टैंडिंग (IPU) के डायरेक्टर और इंडिया सेंटर फाउंडेशन (ICF) के मित्र के रूप में आए हैं।

टोये ने जोर देकर कहा, “फर्जी समाचार ट्वीट भेजा गया था, हमें इसे फेक न्यूज मानना चाहिए।” दिल्ली स्थित एनजीओ ICF के कार्यक्रम में शामिल होने आए टोये ने कहा, “मैं आपकी राजनीति और विकास के बारे में बात करने के लिए भारत आया हूँ।” उन्होंने पीएम की जमकर तारीफ की।

टोये ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह याद दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है।’ ANI से उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’ आशा की अभिव्यक्ति थी। भारत ने संकेत दिया है कि हमें आज विश्व विवादों को इस तरह (युद्ध करके) नहीं सुलझाना चाहिए। पीएम मोदी के पास दुनिया की बहुसंख्यक आबादी है।”

(अपडेट: कुछ शुरुआती मीडिया रिपोर्टों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार बताया गया था। नोबेल प्राइज कमिटी के डेप्यूटी लीडर एस्ल टोये के हवाले से यह दावा किया गया था। लेकिन टोये का पूरा बयान सामने आने के बाद हमने इस रिपोर्ट में आवश्यक बदलाव किया है।)

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया