अश्लील तस्वीरें अपने पास रखना कोई अपराध नहीं: केरल हाई कोर्ट

केरल हाई कोर्ट का अहम फैसला

केरल हाईकोर्ट ने आज 10 साल से ज्यादा पुराने मामले में सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि महज अश्लील तस्वीरें रखना ‘इनडिसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वुमन’ कानून के तहत अपराध नहीं है। कोर्ट ने एक व्यक्ति और एक महिला के ख़िलाफ़ आपराधिक मुकदमे को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने हालाँकि यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी किसी भी प्रकार की तस्वीरों का प्रकाशन या वितरण कानून के तहत दंडनीय है।

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सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजा विजयवर्गीय ने आदेश में कहा, “अगर किसी वयस्क व्यक्ति के पास अपनी कोई तस्वीर है जो अश्लील है तो 1986 के अधिनियम 60 के प्रावधान तब तक उस पर लागू नहीं होंगे, जब तक उसे किसी अन्य उद्देश्य या विज्ञापन के लिए वितरित या प्रकाशित न किया जाए।”

हाईकोर्ट ने अपना यह फैसला उस याचिका पर सुनाया है, जिसमें एक व्यक्ति और एक महिला के ख़िलाफ़ दर्ज मामले को रद्द करने की माँग की गई थी।

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इस मामले में था कि पुलिस ने कोल्लम में एक बस अड्डे पर तलाशी अभियान के दौरान दोनों लोगों के बैग की जाँच की थी। इस दौरान पुलिस को 2 कैमरे हाथ लगे थे। जाँच करने पर मालूम चला था उनके पास उनमें से एक की अश्लील तस्वीरें और वीडियो है। इस घटना के बाद उन्हें गिरफ्तार करके उनके कैमरों को जब्त कर लिया था।
कोल्लम का यह मामला साल 2008 में दर्ज किए जाने के बाद से मैजिस्ट्रेट अदालत में लंबित था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया