रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कार्यकाल 20 जनवरी 2020 को पूरा हो रहा है लेकिन उन्होंने 6 महीने पहले ही त्यागपत्र दे दिया है। विरल आचार्य ने जनवरी 2017 में रिज़र्व बैंक में डिप्टी गवर्नर का पदभार ग्रहण किया था। 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद डिप्टी गवर्नर का पद संभालने वाले वे सबसे कम आयु के व्यक्ति हैं।
त्यागपत्र देने के बाद विरल आचार्य वापस न्यू यॉर्क विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक के रूप में कार्य करेंगे ऐसी संभावना प्रबल है। आचार्य को मौद्रिक नीति के विशेज्ञ के रूप में जाना जाता है। वे स्वयं को गरीबों का रघुराम राजन कहते हैं। इसलिए, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी) जब कभी भी महंगाई के प्रति नरम रुख दिखाती, आचार्य अकसर उसके विरोध में खड़े हो जाते।
आचार्य रघुराम राजन को अपना प्रेरणास्रोत और गुरु मानते हैं। उन्होंने उनके साथ मिलकर कई शोधपत्र भी प्रकाशित किए हैं। विरल आचार्य ने ‘यादों के सिलसिले’ नामक अपना म्यूजिक अल्बम भी कम्पोज़ किया था। एक बार उन्होंने केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच के रिश्ते की व्याख्या हिंदी फिल्मों के गानों की पक्तियों से की थी।
संगीत में बेहद दिलचस्पी रखने वाले आचार्य ने न्यू यॉर्क में खुद कंपोज किए गानों की एक सीडी लॉन्च की थी और इससे हुई आमदनी परोपकार पर खर्च कर दी थी। त्यागपत्र देने के बाद वे 23 जुलाई तक ही डिप्टी गवर्नर के पद पर रहेंगे।