‘लोन भुगतान के 30 दिन के भीतर लौटाएँ संपत्ति के कागजात’: बैंकों को RBI का सख्त निर्देश, देरी होने पर प्रतिदिन ₹5000 देना पड़ेगा मुआवजा

RBI का बैंकों को निर्देश - लोन रिपेमेंट के 1 महीने के भीतर लौटाएँ कागजात (फोटो साभार: HT)

‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि जो भी लोग ऋण का भुगतान कर देते हैं, एक महीने के भीतर उनकी संपत्ति के कागजात उन्हें वापस किए जाएँ। बैंकों के अलावा सभी NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन) को भी यही निर्देश दिया गया है। लोन का भुगतान कर दिया जाता है या उन्हें सेटल करा दिया जाता है तो इसके 30 दिन के भीतर बैंकों को संपत्ति के ऑरिजिनल कागजात वापस करने होंगे। पहले इस प्रक्रिया में कई महीने लग जाने के कारण लोगों को दिक्कत आती थी।

RBI ने बुधवार (13 सितंबर, 2023) को ये आदेश दिया। इतना ही नहीं, देश के सर्वोच्च बैंक ने ये आदेश भी दिया है कि अगर बैंक ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो फिर उसे कर्जदाता संस्थान को कर्जदारों को प्रतिदिन 5000 रुपए के हिसाब से तब तक हर्जाना देना होगा, जब तक कि कागजात वापस नहीं कर दिए जाते। बैंक, NBFC, हाउसिंग फाइनेंस संस्थान, एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी और रीजनल के अलावा सहकारिता बैंकों पर भी यही नियम लागू होगा

अगर बैंक दस्तावेज जारी करने में देर करता है तो उसे इसका उचित कारण बताना पड़ेगा। बता दें कि सामान्यतः बैंक लोन देने के बदले ऋण लेने वालों के संपत्ति के असली कागजात अपने पास रख लेते हैं। RBI पहले ही कह चुका है कि अगर ये कागजात खो जाते हैं तो बैंकों को इसके बदले मुआवजा और हर्जाना भरना पड़ेगा। डाक्यूमेंट्स वापस करने के लिए न सिर्फ ग्राहक का गृह ब्रांच, बल्कि उक्त बैंक के किसी भी ब्रांच से प्रक्रिया पूरी करने की व्यवस्था किए जाने का निर्देश भी दिया गया है।

इसके साथ ही बैंकों को लोन देने के समय ही ये बताना होगा कि ग्राहक को ऋण भुगतान करने के बाद ये डाक्यूमेंट्स वापस कहाँ से मिलेंगे। अगर ऋण लेने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारियों को डाक्यूमेंट्स कैसे लौटाए जाएँगे, इसकी पूरी प्रक्रिया भी बैंक तैयार करेगा। 1 दिसंबर, 2023 के बाद जिस भी ऋण का रिपेमेंट होगा, उसमें ये नियम लागू होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोन पहले कब लिया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया