‘मुझे दुआओं में याद रखिएगा’… बॉलीवुड की मशहूर गायिका अलका याग्निक हुईं दुर्लभ बीमारी की शिकार: कान से सुनाई देना बंद, सोशल मीडिया पर माँगा सपोर्ट

अलका याग्निक हुई दुर्लभ बीमारी का शिकार

बॉलीवुड की मशहूर गायिकाओं में से एक अलका याग्निक को एक दुर्लभ बीमारी डायगनोस हुई है। इसका खुलासा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर किया है। अपने पोस्ट में उन्होंने बताया है कि वो इस समय सुन नहीं पा रही हैं।

इंस्टाग्राम पर इस समस्या के बारे में बताते हुए अलका ने लिखा, “मेरे सभी फैन्स, दोस्तों, फॉलोअर्स और शुभचिंतकों, कुछ हफ्ते पहले, जब मैं एक फ्लाइट से बाहर निकल रही थी तो मुझे अचानक लगा कि मैं कुछ सुन नहीं पा रही हूँ। इस एपिसोड के बाद के हफ्तों में थोड़ी हिम्मत जुटाने के बाद, अब मैं अपने दोस्तों और शुभचिचिंतकों के लिए, इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ना चाहती हूँ, जो मुझसे लगातार पूछ रहे हैं कि मैं कहाँ गायब हूँ।”

अलका ने आगे बताया, “मेरे डॉक्टर्स ने इसे एक रेयर सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस डायग्नोज किया है, जो एक वायरल अटैक की वजह से हुआ है। इस अचानक से हुए बड़े सेटबैक ने मुझे शॉक कर दिया है। मैं उसे स्वीकार करने की कोशिश कर रही हूँ, इस बीच अप मुझे अपनी दुआओं में याद रखिएगा।”

अपने पोस्ट में अलका याग्निक ने युवाओं को भी संदेश दिया। उन्होंने लिखा, “मेरे फैन्स और यंग साथियों को मैं हेडफोन्स और लाउड म्यूजिक को लेकर एक चेताना चाहती हूँ। किसी दिन मैं अपनी प्रोफेशनल लाइफ से, हेल्थ को होने वाले नुकसान पर बात जरूर करूँगी। आप सबके प्यार और सपोर्ट से, मैं फिर से अपना जीवन पटरी पर लाने की आशा करती हूँ और जल्द ही फिर आपके सामने आने की कामना करती हूँ। इस क्रिटिकल समय में आपका सपोर्ट और अंडरस्टैंडिंग मेरे लिए बहुत मायने रखती है।”

क्या है लक्षण, कैसे होती है ठीक हियरिंग लॉस की बीमारी

बता दें कि जिस रेयर सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस का शिकार अलका याग्निक हुई हैं वो अचानक होने वाली बीमारी नहीं है। सामान्य तौर पर ये सिर में कोई गंभीर चोट लगी है, या आप रोजाना तेज ध्वनी के संपर्क में आने से अचानक सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता हैं। इसके अतिरिक्त रक्तप्रवाह में रुकवाट आने से भी हियरिंग लॉस होता है और बहुत सी बात गलत दवाइयों के कारण ऐसा सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस हो जाता है। वायरल संक्रमण के कारण भी सुनने की क्षमता अचानक ही कम हो जाती है।

डॉक्टर इस बीमारी से बचने के लिए सलाह देते हैं कि कभी भी किसी साउंड सिस्टम को जरूरत से ज्यादा तेज आवाज में न चालू करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो सबसे पहले तो ईयर प्रोटेक्टर पहलें। ईयर वैक्स को ठीक से हटाएँ। फिर भी अगर किसी को अचानक इस तरह बहरेपन के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे ऑडियोमैट्री टेस्ट कराना चाहिए, इसके अलावा एमआरआई और सीटी स्कैन से भी बीमारी का पता लगने में सहायता होती है। बीमारी डिटेक्ट होने के बाद दवाई देकर, ऑक्सीजन थेरेपी देकर इस बीमारी का इलाज संभव होता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया