‘मेरे पास बाकी थे 5 सेकेंड’: ‘टाइम्ड आउट’ होने वाले एंजिलो मैथ्यूज ने वीडियो शेयर कर ICC से माँगा न्याय, वर्ल्ड कप से बाहर हुए शाकिब अल हसन

एंजिलो मैथ्यूज ने साकिब को आउट करके दिखाया बाहर का रास्ता (फोटो साभार : ESPNCRICINFO)

श्रीलंका के वरिष्ठ आल राउंडर एंजिलो मैथ्यूज ने दावा किया है कि वो टाइम आउट नहीं थे, बल्कि उनके पास पूरे 5 सेकंड बाकी थे। उन्होंने बाकायदा टीवी फुटेज भी अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है। उन्होंने आईसीसी से ‘न्याय’ की माँग की है। इस बीच, उन्हें आउट करने वाले शाकिब अल हसन विश्वकप से बाहर हो गए हैं। बताया गया है कि वो श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान ही घायल हो गए थे और अब कम से कम 3-4 सप्ताह के लिए खेल से बाहर हो गए हैं।

मैथ्यूज बोले-मैं तो बेगुनाह था, गलत सजा मिली

श्रीलंका के स्टार ऑल राउंडर एंजेलो मैथ्यूज ने मैच का एक वीडियो शेयर किया। उसमें उन्होंने ये बताने की कोशिश की है कि वो दो मिनट की समय सीमा के अंदर पिच पर पहुँच गए थे और बल्लेबाज़ी के लिए तैयार थे, लेकिन आखिरी वक़्त पर हेलमेट का स्ट्रिप टूट गया था।

अपने दूसरे पोस्ट में मैथ्यूज ने दो तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे वो दो मिनट के अंदर पिच पर पहुँच कर खेलने के लिए तैयार थे, लेकिन इसी बीच उनके हेलमेट का स्ट्रेप टूट गया था। इसमें उन्होंने मैच के फुटेज का टाइम स्टैंप भी दिखाया है।

हर्षा भोगले बोले – मैथ्यूज को आउट दिया जाना सही

इस पूरे विवाद पर जाने-माने क्रिकेट कमेंटेटर और एक्सपर्ट हर्षा भोगले ने विस्तार से चर्चा की है और बताया है कि क्यों मैथ्यूज आउट थे। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “आपको अंपायरों पर विश्वास करना होगा। यदि वे कहते हैं कि दो मिनट बीत गए थे, तो उन्होंने ऐसा किया था क्योंकि ये बहुत अनुभवी और बहुत अच्छे अंपायर हैं और उनसे ऐसी गलतियाँ करने की संभावना नहीं है। दूसरा, नियम न जानने की बात कहने से काम नहीं चलने वाला। अगर कोई नियम है और आपने उसे तोड़ा है, तो आप को एक मिनट भी वहाँ रुकने का अधिकार नहीं।”

उन्होंने आगे लिखा, “शाकिब को अपील करने का अधिकार था और यह तय करना हमारा काम नहीं है कि उसे अपील करनी चाहिए या नहीं। यह उसका निर्णय है, वह इसी तरह खेलना चाहता है। हालाँकि, यहाँ मैथ्यूज कोई फायदा नहीं उठा रहे थे।” उन्होंने उदाहरण देते हुए अपनी बात को समझाया कि मैच के दौरान कोई बल्लेबाज अगर गेदबाज या फील्डर को देने के लिए बॉल उठाता भी है, तो उसके खिलाफ अपील नहीं की जाती।

हालाँकि, बल्लेबाज अक्सर पूछ लेते हैं कि क्या वो ऐसा कर सकते हैं। टीक इसी तरह से अगर मैथ्यूज ने अंपायरों से पूछा होता कि क्या उसका हेलमेट बदलना ठीक है, तो मुझे यकीन है कि कोई अपील नहीं होती। हर्षा भोगले ने अपनी बात में आगे कहा कि इस मामले में हमें खेल भावना को लाने की जरूरत नहीं है। मैथ्यूज़ और श्रीलंकाई प्रशंसक निराश और नाराज़ हो सकते हैं लेकिन खेल के नियमों के अनुसार, वो आउट थे।

हर्षा ने एक वीडियो भी शेयर किया। उन्होंने बताया, “5 जनवरी 2007 को गांगुली को टाइम आउट कर दिया गया लेकिन ग्रीम ने इसका उपयोग नहीं किया जो उस समय दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान थे। विपक्षी टीम के कप्तान के पास खेल की भावना का सम्मान करते हुए अंपायर से टाइम आउट नियम को नजरअंदाज करने का अनुरोध करने का विवेकाधिकार है। अगर आपको लगता है कि बल्लेबाज से वाजिब वजह के चलते देरी हुई।”

इस मामले में स्टार स्पोर्ट्स ने विशेषज्ञों की टीम से भी बातचीत की है। इस पैनल में इयान बिशप, रमीज रजा, संजय मांजरेकर और संजय बांगर जैसे दिग्गज शामिल थे। उन्होंने नियमों के मुताबिक मैथ्यूज को आउट माना।

हालाँकि, एंजिलो मैथ्यूज का ये कहना है कि वो देर नहीं कर रहे थे और 5 सेकंड का समय उनके पास बचा था। ऐसे में ये मामला दिलचस्प मोड़ ले चुका है। क्योंकि, कहा जा रहा है कि जिस नियम का हवाला देकर उन्हें आउट करार दिया गया, वो नियम उन्होंने तोड़ा ही नहीं। वहीं, इस बीच साकिब अल हसन, जिन्होंने मैथ्यूज के टाइम आउट के लिए अपील किया था, वो अब विश्वकप से ही बाहर हो गए हैं। उन्हें श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान चोट लग गई थी, लेकिन वो पेन किलर्स और बैंडेड की सहायता से खेलते रहे और अपनी टीम को 3 विकेट से जीत दिलाई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया