आधार कार्ड असली है या नकली, घर बैठे जाँच भी बेहद आसान: फॉलो करिए ये स्टेप, मुसीबत रहेगी दूर

आधार कार्ड का सत्यापन आवश्यक (फोटो साभार न्यूज नेशन)

देश में हर स्थान पर आधार कार्ड (Aadhaar Card) को पहचान प्रमाण (Identity proof) के रूप में स्वीकार किया जाता है। इसलिए यह एक आवश्यक डॉक्यूमेंट बन चुका है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फर्जी आधार कार्ड बनाकर इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। फर्जी आधार कार्ड के इस्तेमाल से चिंतित सरकार ने इसको लेकर एक एडवाइजरी जारी की है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India, UIDAI) ने आधार कार्ड के सत्‍यापन पर जोर दिया है। UIDAI ने ट्वीट कर कहा है कि पहचान प्रमाण (Identity proof) के रूप में दिए गए फिजिकल या डिजिटल आधार कार्ड की कॉपी को स्वीकार करने से पहले सत्यापित किया जाना आवश्यक है।

यहाँ तक कि किसी को नौकरी पर रखने या घर किराए पर देने से पहले भी दिए गए आधार कार्ड के सत्यता की जाँच कर लेनी चाहिए। आधार कार्ड के सत्यता की जाँच काफी आसान है। UIDAI ने आधार के सत्‍यापन को लेकर बताया है।

UIDAI के अनुसार, दिए गए आधार कार्ड पर मौजूद QR कोड को UIDAI के QR कोड मोबाइल ऐप (mAadhaar application or Aadhaar QR code scanner) से स्कैन कर उसकी सत्यता और विश्वसनीयता की जाँच की जा सकती है। इसके लिए UIDAI किसी तरह का शुल्क नहीं लेता है।

ऐसे करें आधार कार्ड की जाँच

  • इसके लिए आपको mAadhaar application या Aadhaar QR code scanner ऐप डाउनलोड करना होगा। यह एंड्रॉयड, आईओएस और विंडो फॉर्मेट में ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।
  • अब आप 2 तरीके से आधार वेरिफाई कर सकते हैं। पहला विकल्प यह है कि ‘आधार वेरिफाई’ में कार्ड पर उपलब्ध आधार नंबर दर्ज करें और सत्यता की जाँच करें।
  • दूसरा विकल्प और भी आसान है। इसमें आपको अपने ऐप को खोलना है और ‘QR कोड स्कैनर’ में आधार कार्ड पर दिए QR कोड से मिलान करना है। कुछ ही सेकेण्ड में आपको पता चल जाएगा कि आधार नंबर सही है या नहीं।

UIDAI ने राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया है कि आधार कार्ड को स्वीकार करने से पहले उसकी सत्यता की जाँच आवश्य करें। UIDAI का यह भी कहना है कि जरूरी नहीं है कि हर 12 अंको वाला नंबर आधार नंबर ही हो। सरकार की कोशिश है कि फर्जी आधार कार्ड बनाकर चलाई जा रही हर तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।

आधार से छेड़खानी पड़ सकती है भारी

आपको यह भी बता दें कि UIDAI की तरफ से कहा गया है, “आधार दस्तावेजों से छेड़छाड़ का ऑफलाइन सत्यापन द्वारा भी पता लगाया जा सकता है। इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराध है। ऐसा पाए जाने पर आधार अधिनियम की धारा 35 के तहत सजा हो सकती है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया