सावन के पहले सोमवार पर पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने किया शिव स्त्रोत का पाठ, Video देख वामपंथियों ने कहा- मेहनत करो, भाजपा का टिकट मिलेगा

शिव स्त्रोत का पाठ करते हुए वेंकटेश प्रसाद (साभार: वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट)

हिंदू पंचाग के अनुसार,  25 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है और 26 जुलाई यानी आज इस माह का पहला सोमवार है। ऐसे में जहाँ पूरे विश्व के हिंदू सावन के पहले सोमवार का उत्सव मना रहे हैं। वहीं पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने एक वीडियो शेयर की है जिसमें वह खुद गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित रुद्राष्टकम (भगवान शंकरजी की स्तुति के लिए आठ श्लोक।)/शिव स्त्रोत का पाठ कर रहे हैं। 

https://twitter.com/venkateshprasad/status/1419539428704325632?ref_src=twsrc%5Etfw

वह पहले गाते हैं,

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं,
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं,
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥

इसके बाद अंग्रेजी में उसका मतलब बताते हुए कहते हैं, “मैं आपको नमस्कार करता हूँ, जो ईशान दिशा के ईश्वर, मोक्षस्वरुप, सर्व्यवापी ब्रह्म और वेदस्वरूप है। मैं शिव भगवान की महिमा के प्रकाश में, भौतिक गुणों से रहित, इच्छा रहित, सर्वव्यापी चेतना और स्वयं को ढकते हुए, उनकी पूजा करता हूँ।”

आगे पाठ करते हुए उन्होंने गाया,

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं,
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।

करालं महाकाल कालं कृपालं,
गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ १॥

इसके बाद उन्होंने इसका मतलब समझाया। उन्होंने कहा, “निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय अर्थात तीनों गुणों से अतीत, वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे, आप परमेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ।”

वेंकटेश प्रसाद ने की प्रशंसा

वेंकटेश के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उनकी सराहना की। लोग यह देख कर हैरान हुए कि कैसे वेंकटेश आज भी सनातनी जड़ों से जुड़े हैं। कुछ लोगों ने उन्हें सावन के पहले सोमवार पर ऐसी वीडियो बनाने के लिए आभार जताया है और कुछ ने सावन से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी उन्हें दी। इसके अलावा कुछ वामपंथी यूजर्स ऐसे भी दिखे जिन्होंने उनके इस वीडियो पर कहा कि वह तब तक मेहनत करें जब तक कि उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिल जाती। वहीं कुछ लोगों ने ये बताना चाहा कि दक्षिण भारत में अभी सावन नहीं शुरू हुआ।

सावन महीने का महत्व

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक सावन साल का पाँचवा महीना होता है। पुराणों में यह उल्लेख है कि समुद्र मंथन इसी माह में हुआ था। मंथन के दौरान जो समुद्र से चौदह दिव्य वस्तुएँ बाहर आईं उनमें एक हलाहल भी था। ब्राह्मंड को बचाने के लिए भगवान शिव ने उसका सेवन किया और उसे अपने कंठ से नीचे उतरने नहीं दिया। इसी विष के कारण महादेव का कंठ नीला पड़ा और उनका एक नाम नीलकंठ भी हुआ।

सावन का यह पूरा महीना शिवभक्ति को समर्पित है और चूँकि सोमवार का दिन शिव भगवान का माना जाता है, ऐसे में इस माह में इस दिन का विशेष महत्व हो जाता है। शिवभक्त इस माह प्रयास करते हैं कि वह सावन के सोमवार का व्रत रखें, जो नहीं रख पाते वो कम से कम पहले सोमवार का तो व्रत रखते ही हैं और मंदिर जाकर बेल पत्र, धतूरा, मिठाई और फल आदि चढ़ाते हैं।

वेंकटेश प्रसाद का हिंदू धर्म के प्रति प्रेम

बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि प्रसाद ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी आस्था खुल कर जाहिर की हो। इससे पहले उन्होंने नासा की इन्टर्न को ट्रोल किए जाने वालों को भी जवाब दिया था और अंबेडकर नाम का गलत इस्तेमाल करने पर ट्विटर अकॉउंट को लताड़ लगाई थी। उन्होंने कहा था, “उसकी (प्रतिमा रॉय) उपलब्धि पर खुश होने और उसके श्रद्धालु होने पर मखौल उड़ाया जा रहा है। दूसरी ओर डॉ अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की अच्छी सेहत के लिए शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जा रहा है। बाबा साहेब शर्मिंदा होंगे कि ये हैंडल उनका नाम इस्तेमाल कर रहा है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया