उनका कुत्ता टॉमी? यूरोपीय यूजर्स के लिए Whatsapp की अलग पॉलिसी

व्हाट्सऐप का कहना है कि यूरोपीय यूजर्स को कंपनी की नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।(प्रतीकात्मक तस्वीर)

मोबाइल की मैसेजिंग ऐप Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp Privacy Policy) इन दिनों खूब सुर्खियों में है। WhatsApp का कहना है कि यूरोपीय यूजर्स को कंपनी की नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। भारत समेत दूसरी जगहों पर यूजर्स को नई पॉलिसी को स्वीकार करना अनिवार्य है। इसके लिए यूजर्स के पास 8 फरवरी तक का समय है।

https://twitter.com/NiamhSweeneyNYC/status/1347184963016339457?ref_src=twsrc%5Etfw

नई पॉलिसी के मुताबिक, व्हाट्सऐप अपने यूजर्स का डेटा फेसबुक और दूसरी सहयोगी कंपनियों के साथ साझा करेगी। यूजर्स को बदलावों को अनिवार्य रूप से स्वीकर करना होगा। नई पॉलिसी को लेकर व्हाट्सऐप का कहना है कि यूरोपीय यूजर्स को पर्सनल डाटा फेसबुक के साथ शेयर करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। 

https://twitter.com/ParveenKaswan/status/1349277156321366016?ref_src=twsrc%5Etfw

नई पॉलिसी के बाद दुनिया भर के करीब 200 करोड़ यूजर्स परेशान हैं। फेसबुक अपने यूजर्स को नई शर्तों को स्वीकार करने के लिए 8 फरवरी तक का समय दिया है। ऐसे यूजर्स को कंपनी की नई शर्तें स्वीकार नहीं करेंगे वे फेसबुक के मालिकाना हक वाली मैसेजिंग ऐप WhatsApp का इस्तेमाल नहीं कर पाएँगे।

व्हाट्सऐप के यूरोपीय विंग ने एक बयान जारी कर कहा कि व्हाट्सऐप के यूरोपीय यूजर्स के लिए जारी नई शर्तों में फेसबुक के साथ यूजर्स का डेटा शेयर करना शामिल नहीं है। कंपनी का कहना है व्हाट्सऐप ने यूरोपीय क्षेत्रों में अपनी नई शर्तों में डेटा शेयरिंग को लेकर सुधार किया है। मैसेंजर ऐप का कहना है कि वह अपने प्रोडक्ट में सुधार या फिर विज्ञापन के लिए अपने यूजर्स का डेटा किसी तरह से फेसबुक के साथ शेयर नहीं करते।

https://twitter.com/NiamhSweeneyNYC/status/1347184836323237889?ref_src=twsrc%5Etfw

व्हाट्सऐप के यूरोप, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के पॉलिसी डायरेक्ट Niamh Sweeney ने एक के बाद एक ट्वीट कर बताया कि उनकी नई पॉलिसी में यह साफ और विस्तार से बताया गया है कि वो यूजर्स का डेटा कैसे और क्यों यूज करते हैं। व्हाट्सऐप का कहना है कि वह अपने यूजर्स का डेटा फेसबुक और दूसरी कंपनियों के साथ तभी शेयर करेगा, जब आइरिश डाटा प्रोटेक्शन कमिशन इससे सहमत होगा।

गौरतलब है कि अपनी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट करने के कारण विवाद झेल रहे व्हाट्सएप (Whatsapp) ने अब अख़बारों के पहले पन्ने पर पेज भर विज्ञापन देकर लोगों को लुभाना शुरू कर दिया है। इसमें वो किस्म-किस्म के दावे करते हुए बता रहा है कि लोगों की प्राइवेसी के लिए सम्मान उसके DNA में ही है। खुद को एन्ड टू एन्ड एन्क्रिप्शन की सेवा देने में अगुवा बताते हुए Whatsapp ने कहा कि वो लोगों के बीच प्राइवेट संचार का समर्थन करता है।

Whatsapp ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि वो न तो यूजर्स के फोन कॉल सुन सकता है, न मैसेजों को पढ़ सकता है और न ही फोटो, वीडियो अथवा डॉक्युमेंट्स को देख सकता है। उसने कहा कि फेसबुक भी ऐसा नहीं करता। शेयर्ड लोकेशन और ग्रुप मैसेजों को भी उसने प्राइवेट बताया है और कहा कि वो इन्हें एक्सेस नहीं कर सकता। उसने कहा कि वो केवल एन्क्रिप्शन देखता है, कंटेंट बिलकुल नहीं देखता।

लेकिन, लोगों को Whatsapp की जो नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अपडेट प्राप्त हुए हैं, उसमें साफ़-साफ़ उन चीजों की सूची बनाई हुई है जिसका एक्सेस वो प्राप्त करेगा। डेटा को हैंडल करने के नाम पर उसने खरीद-बिक्री, लोकेशन, संपर्क, आइडेंटीफायर्स, डायग्नोस्टिक्स, वित्तीय सूचनाएँ, कॉन्टेक्ट्स इन्फो और यूजर कंटेंट के साथ-साथ डेटा यूजेज की जानकारी भी माँग रखी है। उम्र या फीचर के प्रयोगों के हिसाब से अलग-अलग प्राइवेसी प्रैक्टिसेज की बात कही गई है।

व्हाट्सएप ने अख़बार में दिए गए विज्ञापन में मुख्य बातें ही छिपा ली हैं। उसने ये नहीं बताया कि वो वित्तीय इन्फो क्यों ले रहा है? उसने दावा किया है कि नए अपडेट से उसकी प्राइवेसी पॉलिसी पर किसी रूप में कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उधर लोग अब सिग्नल और टेलीग्राम जैसी मैसेजिंग ऐप्स का सहारा ले रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया