बायो में ‘हिंदू’, फोटो BJP नेताओं के साथ: यूट्यूबर एल्विश यादव से क्यों इतना किलसा पत्रकार, पुलिस ने भी बोला- गमला चोरी से कोई लेना-देना नहीं

यूट्यूबर एल्विश यादव (बाएँ) पत्रकार उत्कर्ष सिंह (दाएँ) (फोटो साभार, @Utkarshsingh_ का ट्विटर अकाउंट और BussinessToday)

गुरुग्राम की गमलाचोरी घटना ने ट्विटर पर एक नई बहस छेड़ दी है। ये बहस यूट्यूबर एल्विश यादव को लेकर है। जब ट्रोलर्स ने गमलाचोरी मामले में उनका नाम लेना शुरू किया तब कई लोग एक साथ ये साबित करने में जुटे हुए हैं कि पूरी चोरी के पीछे एल्विश ही जिम्मेदार हैं। हालाँकि इस बीच यूट्यूबर लगातार अपनी सफाई देते रहे हैं। लेकिन मीडिया ने उनका नाम उछालना बंद नहीं किया। अब इस मामले पर पुलिस का बयान आ चुका है। उन्होंने साफ कह दिया है एल्विश का घटना से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उसके बाद भी एक पत्रकार यूट्यूबर से किलस गया। अब इन दोनों के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग जारी है।

दरअसल, एल्विश यादव 9.21 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ एक सफल यूट्यूबर हैं। उनके ट्विटर पर भी 2 लाख से ज्यादा फैन फॉलोइंग है। बायो देखें तो उस पर सिर्फ हिंदू लिखा है। अब इतना बड़ा इन्फ्लुएंसर होने के बावजूद उनका नाम गमलाचोरी घटना में आना वाकई हैरान करने वाली बात है। हालाँकि इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा क्लीनचिट मिलने के बाद मामला शांत हो जाना चाहिए था। लेकिन उत्कर्ष सिंह नामक पत्रकार लगातार एल्विश पर आरोप मढ़े जा रहे हैं।

इसको लेकर उत्कर्ष सिंह ने मंगलवार (28 फरवरी, 2023) को एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया था, “गुरुग्राम में सड़क किनारे गमले चुराने वाले वीडियो में दिख रही Kia कार्निवाल कार यूट्यूबर एल्विश यादव की है।”

हालाँकि इसके बाद एल्विश ने ट्वीट कर कहा था, “वह मेरी कार नहीं है। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि मेरे बारे में कोई भी गलत जानकारी न फैलाएँ। मैं उन लोगों पर मुकदमा कर रहा हूंँ जो मेरे बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं।”

बेशक इस ट्वीट में एल्विश ने पत्रकार उत्कर्ष सिंह का नाम नहीं लिया था। लेकिन इस ट्वीट के बाद उत्कर्ष सिंह को पत्रकार होने के नाते मामले की जाँच करनी चाहिए थी। लेकिन वह इस बात को उछालते रहे कि कार एल्विश की ही है। यही नहीं, उन्होंने अपने चैनल पर वीडियो डालकर आरोप लगाया कि यह कार एल्विश ही है।

इन आरोपों के बीच एल्विश यादव ने एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, “मुझे एक बार कार में देखा गया था। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं इसका मालिक हूँ। कुछ गंदे दिमाग वाले लोग जिन्हें फर्जी बातें करने की आदत है, एक बार फिर एक नई कहानी के साथ फालतू बातें कर रहे हैं। मुझे भूल जाइए, वे देश या प्रधानमंत्री को भी नहीं छोड़ते। आप उनसे अधिक की उम्मीद नहीं कर सकते।”

आरोपों को झुठलाए जाने के बाद अब उत्कर्ष सिंह एल्विश यादव का इंटरव्यू लेने की माँग पर अड़ गए हैं। उनका कहना है कि एल्विश लाइव इंटरव्यू देकर और उन्हें झूठा साबित कर दे।

हालाँकि इसके बाद एल्विश ने ट्विटर पर मैसेज कर उत्कर्ष को इंटरव्यू लेने के लिए बुलाया है। इसका स्क्रीनशॉट भी एल्विश ने ट्वीट किया है। हालाँकि सब इंटरव्यू देने को लेकर उत्कर्ष का कहना है कि एल्विश उनसे डर कर भाग रहे हैं। वहीं एल्विश का कहना है कि वह किसी दूसरे के लिए दिनभर टाइम नहीं निकाल सकते। उन्होंने जब उत्कर्ष सिंह को बुलाया था तब वह फिक्स टाइम पर नहीं आए थे।

वहीं इस पूरे मामले को लेकर ट्विटर यूजर्स का कहना है कि हिंदू हितों की बात करने के कारण एल्विश को टारगेट किया जा रहा है। रैंडम इंडियन नामक ट्विटर यूजर ने इसको लेकर कहा है, “वामपंथियों ने मिलकर एल्विश यादव को ट्रोल करना शुरू कर दिया है। इसका कारण यह है कि वह एक हिंदू है जो युवाओं को गर्व से धर्म को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। एल्विश ने अपनी कार पर “हिंदू” लिखा है। एल्विश ने अपनी रैली में किसी की कार का इस्तेमाल किया था। यदि उस कार से कुछ गलत किया जाता है तो इसके लिए एल्विश कैसे जिम्मेदार है?”

युक्ति राठी नामक यूजर ने कहा है, “जिस तरह से राष्ट्रवादियों को परेशान किया जा रहा है वह खतरनाक है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। एक प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे में झूठी जानकारी फैलाना इतना आसान क्यों है, खासकर मीडिया आउटलेट्स के माध्यम से? कोई सबूत नहीं, कोई वैध जानकारी नहीं, ये लोग एल्विश यादव को किस आधार पर टारगेट कर रहे हैं?”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया