भारत के लोकसभा चुनाव पर पाकिस्तान के अलावा अमेरिका और चीन की भी है पैनी नज़र

लोकसभा चुनाव 2019

भारत के लोकसभा चुनाव पर वैसे तो दुनियाभर की आँखे लगी हुई हैं लेकिन इसमें भी पाकिस्तान समेत अमेरीका और चीन की विशेष नज़र है। इसकी वजह है भारत का लगातार बढ़ता बाज़ार यानी आर्थिक रूप से सशक्त बनते भारत से सभी को उम्मीदें है और इसीलिए भारत का साथ सभी चाहते हैं। भले ही देश के अंदर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ हो लेकिन देश के बाहर बड़ी शक्तियाँ भारत को एक मज़बूत साझेदार के रूप में देख रही हैं।

भारत-पाकिस्तान के रिश्ते भले ही खटास लिए हों लेकिन बात अगर आर्थिक जगत की करें तो साल 2016-17 के बीच भारत ने पाकिस्तान के साथ लगभग 1,821 मिलियन यूएस डॉलर का निर्यात किया था जबकि क़रीब 454 मिलियन यूएस डॉलर का सामान आयात किया था। यह आर्थिक सौदा इसलिए भी बेहद अहम है क्योंकि इसी दौरान (2016) जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भारतीय सेना के कैंप पर हमला किया था। इस हमले में सेना के 19 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। आतंकी गतिविधियों के बावजूद भारत-पाकिस्तान के व्यापार में कोई गिरावट नहीं दर्ज की गई थी जोकि पहले की ही तरह बदस्तूर जारी रहे। आने वाली सरकार से भविष्य की नीतियों को लेकर पाकिस्तान के लिए भारत का लोकसभा चुनाव काफी मायने रखता है।

चीन की नज़र भी भारत की आने वाली सरकार पर टकटकी लगाए हुए है। इसकी सबसे बड़ी वजह व्यापार को ही लेकर है जो 2017 के मुकाबले 2018 में बढ़ा था। भारत सरकार के आँकड़ों के अनुसार चीन को 18.1584 बिलियन यूएस डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया था जोकि 2017 के मुक़ाबले क़रीब 15.2 फ़ीसद अधिक था। चीन इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानता है कि भारत का बढ़ता कारोबार उसके लिए सोने की खान से कम नहीं है। इसीलिए उसने भारत में पिछले पाँच वर्षों में अरबों का निवेश किया है।

अमेरिका के भारत के साथ संबंध काफी मायने रखते हैं। बीते सालों में अमेरिका ने भारत का साथ हर मुद्दे पर बख़ूबी निभाया है। हाल की गतिविधियों में आतंकवाद जैसे मुद्दे में भारत के साथ खड़ा होना और चिनूक हेलीकॉप्टर देना भारत के प्रति उसकी वफ़ादारी को दर्शाता है। बीते पाँच सालों में अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को पहले की तुलना में काफी बेहतर बनाया है। दोनों देशों के बीच 2018 में व्यापारिक घाटे में लगभग डेढ़ बिलियन यूएस डॉलर से अधिक की बढ़त हुई है। अमेरिका को अपना माल खपाने के लिए चीन के साथ-साथ भारत की भी काफी ज़रूरत है इसलिए आगामी लोकसभा चुनावों पर अमेरिका की नज़र लगातार बनी हुई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया