देश के तीन राज्यों में दिखी रहस्यमयी रोशनी, धरती पर गिरी अजीब सी चीजों से परेशान हुए ग्रामीण: जानिए क्या कहते हैं खगोलविद

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात के लोग आसमान में रहस्यमयी रोशनी देखकर हुए परेशान (फोटो साभार: ANI)

महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के लोग शनिवार (2 अप्रैल, 2022) को आसमान से उल्का पिंड गिरने जैसी चमकती रोशनी (Mysterious Light) देखकर दंग रह गए। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी वीडियो के अनुसार, महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के झाबुआ, बड़वानी जिले में आसमान में रहस्यमयी रोशनी देखने के बाद से लोग परेशान हैं। इसे एक असामान्य घटना के रूप में देखा जा रहा है।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद से नेटिज़न्स की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। उनका कहना है कि उन्होंने अहमदाबाद में आसमान में रहस्यमयी रोशनी देखी है। उल्का पिंड को ‘शूटिंग स्टार्स‘ के रूप में जाना जाता है। ये ऐसी चट्टानें होती हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल में 30 से 60 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से से प्रवेश करती हैं। यह आकार में ग्रहों से काफी छोटी होती हैं और कई बार इनका मार्ग भी निश्चित नहीं होता है। ये दूसरे ग्रहों की कक्षा में घूमते रहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, करीब 4.5 अरब वर्ष पहले जब हमारा सोलर सिस्टम बना था, तब गैस और धूल के ऐसे बादल जो किसी ग्रह का आकार नहीं ले पाए, वे उल्का पिंड में बदल गए।

इस घटना को लेकर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह उल्का पिंड नहीं, बल्कि रॉकेट हो सकता है। जोनाथन मैकडॉवेल (Astronomer Jonathan McDowell) ने कहा कि महाराष्ट्र में ‘चीनी रॉकेट का फिर से प्रवेश’ हो सकता है, जिसे फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था। मैकडॉवेल, जो सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में एक खगोलशास्त्री हैं उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि यह एक चीनी रॉकेट चांग झेंग 3 बी सीरियल नंबर Y77 (Zheng 3B serial number Y77) का प्रवेश का तीसरा प्रयास है, जिसे फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था।”

वहीं, स्काईवॉच समूह के प्रमुख एक अन्य वैज्ञानिक सुरेश चोपाडे ने कहा कि यह दुर्लभ घटना उपग्रह से संबंधित हो सकती है। चोपाडे ने उल्का पिंड होने की बात से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि रंगों से संकेत मिलता है कि पृथ्वी की ओर एक धातु की चीज आई है। चोपाडे ने कहा, “ऐसा लगता है कि किसी देश का सेटेलाइट गलती से गिर गया होगा या फिर उसे जानबूझकर गिराया गया होगा। यह उल्का पिंड या आग के गोले जैसा नहीं लगता।” दो गाँवों में साइटलाई या रॉकेट के पार्ट्स जैसे दिखने वाली चीजें भी मिली हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया