ब्रह्मांड की उत्पत्ति के राज़ खोलेगा ₹74000 करोड़ का ये यंत्र, 24 दिसंबर को सुबह में होगा लॉन्च: एलियंस से भी उठेगा पर्दा

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप 24 दिसंबर को होगा लॉन्च

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Telescope) को लॉन्च करने जा रही है। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने शुक्रवार (17 दिसंबर 2021) को घोषणा की थी कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 24 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। इस टेलीस्कोप का व्यास 6.5 मीटर है, जो काफी बड़ा है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को इंसानों द्वारा बनाया गया ‘टाइम मशीन’ भी कहा जाता है। नासा ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का निर्माण यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) और कनाडा के स्पेस एजेंसी (CSA) के साथ मिलकर किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा, सबसे शक्तिशाली और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण स्पेस टेलीस्कोप है।

ब्रह्मांड के निर्माण से जुड़ी बातों का पता लगाया जा सकेगा

नासा का दूरबीन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ब्रह्मांड की दुनिया में नई क्रांतिकारी खोज करेगा। यह टेलीस्कोप खगोलविदों को ब्रह्मांड में बनने वाली कुछ शुरुआती आकाशगंगाओं की खोज करने में मदद करेगा और हमें यह समझने में मदद करेगा कि कैसे 13.5 अरब साल पूर्व सितारे और आकाशगंगाएँ अस्तित्व में आईं। इसके साथ ही यह दूर की आकाशगंगाओं में सितारों के साथ-साथ हमारी आकाशगंगा के भीतर अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले और उन ग्रहों के बारे में भी पता लगाएगा, जहाँ जीवन की संभावना हो सकती है।

इसके माध्यम से ब्रह्मांड के निर्माण से जुड़ी कई बातों का भी पता लगाया जा सकता है। जैसे क्या एलियंस सच में होते हैं या फिर किस ग्रह पर एलियंस मौजूद हैं।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का अनुमानित बजट करीब 10 अरब डॉलर

वर्ष 2007 में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को लॉन्च करने की तैयारी थी, लेकिन उस वक्त इसका बजट 500 मिलियन डॉलर रखा गया था। बजट और तकनीकी कारणों से इसकी लॉन्चिंग की लगातार टलती रही और अब यह टेलीस्कोप दिसंबर 2021 में इसे लॉन्च किया जा रहा है, जिसका अनुमानित बजट करीब 9.7 बिलियन डॉलर (73566.21 करोड़ रुपए) हो चुका है।

बता दें कि इसे फ्रेंच गुयाना में कौरौ से ईएसए द्वारा आपूर्ति किए गए एरियान 5 रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा। यह अंतरिक्ष की दुनिया में एक ऐसा मिशन है, जिसको लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों, खगोलविदों की साँसे अटकी रहेंगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया