खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन में सहयोग जैसे क्षेत्रों के लिए इसरो ने सुबह साढ़े पाँच बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से RISAT-2B लॉन्च किया। हर तरह के मौसम में काम करने की क्षमता वाले रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह को प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी46 के जरिए भेजा गया। RISAT-2B को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ ऑर्बिट) में स्थापित किया गया।
https://twitter.com/ANI/status/1130987614654218240?ref_src=twsrc%5EtfwRISAT-2B उपग्रह का भार 615 किलोग्राम है। इस उपग्रह की खूबी है – सिंथेटिक अपर्चर रडार (synthetic aperture radar) – जिसके कारण यह किसी भी मौसम में काम करता रहेगा, निगरानी रखता रहेगा। RISAT-2B में पूर्णतः स्वदेशी विक्रम प्रोसेसर लगा हुआ है।
https://twitter.com/isro/status/1130991839836696576?ref_src=twsrc%5EtfwRISAT-2B अपने प्रक्षेपण के 15वें मिनट के बाद 555 किलोमीटर के सर्कुलर ऑर्बिट में 37 डिग्री के झुकाव पर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया। यह उपग्रह अगले 5 साल तक के लिए काम करेगा।
पीएसएलवी की बात करें तो यह इस प्रक्षेपण यान का 48वाँ मिशन था। साल 2019 में इसरो द्वारा यह तीसरा प्रक्षेपण है। अभी तक 350 उपग्रहों के जरिए PSLV प्रक्षेपण यानों से 50 टन का पेलोड अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेजा जा चुका है – जो एक रिकॉर्ड है।
इसरो के प्रमुख के शिवन ने RISAT-2B के सफल प्रक्षेपण पर खुशी जताई। उन्होंने इसे ‘बहुत बहुत महत्वपूर्ण’ बताया। आपको बता दें कि प्रक्षेपण से पहले उन्होंने तिरूपति के प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना भी की। RISAT-2B के बाद, इसरो चंद्रयान-2 पर काम करेगा, जिसका 9 से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपण का कार्यक्रम है।