16 साल की सेलेब्रिटी ने भेजा PM मोदी के नाम पर्यावरण बचाने का संदेश

ग्रेटा थनबर्ग

स्वीडन की 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग पूरी दुनिया में एक जाना-माना चेहरा बन चुकी है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनकी चिंता ने उन्हें पूरे विश्व में पहचान दिलाई है। बीते दिनों 105 देशों के स्कूली छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए हड़ताल की थी, इसके पीछे का कारण भी ग्रेटा थनबर्ग ही थीं। उनके द्वारा इस नेक मुहिम में आज कई देश और संगठन जुड़ चुके हैं। ऐसे में टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने भारतीय अखबार को दिए अपने पहले साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए और देश के बच्चों के लिए संदेश भेजा है।

https://twitter.com/GretaThunberg/status/1041369960436703232?ref_src=twsrc%5Etfw

15 मार्च 2019 को ऐसा पहली बार हुआ कि पर्यावरण को बचाने के लिए 105 देशों के स्कूली छात्र हड़ताल पर गए। विश्व भर के क़रीब 1,500 से अधिक शहरों के स्कूली छात्रों ने इस हड़ताल में भाग लिया था। आप सोच रहे होंगे कि एकदम से स्कूली छात्रों में पर्यावरण को लेकर इतनी जागरूकता कैसे जाग उठी कि एक साथ इतने बच्चों ने हड़ताल करने का फैसला कर लिया। तो आपको बता दें कि इस हड़ताल की वजह के पीछे एक 16 वर्षीय छात्रा है जिसका नाम ग्रेटा थनबर्ग है।

ग्रेटा कहती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को पर्यावरण संरक्षण को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए और साथ ही उन्हें इस पर ठोस कदम उठाने चाहिए। उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और अगर वह इस समस्या के लिए कुछ नहीं करेंगे तो भविष्य में लोग इसके (पर्यावरण समस्या) लिए उन्हें (मोदी) ही दोषी ठहराएँगे।

https://twitter.com/GretaThunberg/status/1106256344586375168?ref_src=twsrc%5Etfw

ग्रेटा ने भारतीय स्कूल के बच्चों की तारीफ़ करते हुए इस साक्षात्कार में कहा कि उन्हें लगता है कि पर्यावरण के लिए भारत के कई स्कूली बच्चे हड़ताल करते हैं जो कि बहुत अच्छी बात है, वो बच्चे बेहद बहादुर है। उन्होंने कहा कि और जो बच्चे हड़ताल नहीं करते हैं उन्हें पर्यावरण की समस्या के बारे में पढ़ना चाहिए और पता करना चाहिए कि आखिर क्या चल रहा है।

लंदन और स्वीडन में उनके लगातार प्रदर्शनों को केंद्र में रखकर जब उनसे सवाल किया गया कि चीन में ऐसी कोई मुहिम क्यों नहीं चलाई जा रही है जबकि वहाँ सबसे अधिक उत्सर्जन हो रहा है तो ग्रेटा ने बताया कि अगर उन्हें इस मामले के मद्देनजर चीन जाने का निमंत्रण मिलता है तो उन्हें बहुत खुशी होगी। वो कहती हैं कि वह हवाई यात्रा नहीं करती हैं, इसलिए उन्हें चीन ट्रेन से जाना होगा, जिसके लिए काफ़ी समय लगेगा और उन्हें काफ़ी तैयारी भी करनी होगी।

इस साक्षात्कार में ग्रेटा ने भारत के बारे में कहा कि भारत ग्रीनहाउस का उत्सर्जन करने वाले देशों में काफ़ी आगे हैं। भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है और इस कारण भी यहाँ प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक रहता है। साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या इस समस्या से जूझने के लिए भारत के पास कोई रणनीति है, तो उन्होंने एक टूक जवाब देते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता इस समस्या को दूर करने के लिए किसी भी देश के पास कोई उपाय है।

ग्रेटा कहती हैं कि इन समस्याओं से जूझने के लिए सबसे बड़ा उपाय है कि हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए और खुद को शिक्षित बनाना चाहिए। तभी लोग समझ पाएँगे कि उन्हें क्या करना है। वो कहती हैं कि वो सिर्फ़ एक बच्ची हैं और संदेशवाहक की भूमिका में है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया