कड़ी मेहनत का भारत को मिला परिणाम, अक्षय ऊर्जा मामले में चीन से निकला आगे

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा मामले में भारत पहुँचा 76वें पायदान पर

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF)द्वारा सोमवार (मार्च 25, 2019) को जारी रिपोर्ट में बताया गया कि अक्षय ऊर्जा के मामले में 115 देशों की सूची में भारत ने दो पायदान की बढ़त बनाई है। इस सूची में भारत को 76वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। ब्रिक्स देशों में केवल भारत ही एक ऐसा देश है जिसकी स्थिति में अब तक इस मामले में सुधार देखा गया है। पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति को सुधारने के लिहाज से भारत की अक्षय ऊर्जा बढ़ाने की यह गति निसंदेह की सराहनीय है। जिसका उल्लेख रिपोर्ट में भी है। भारत ने इस सूची में चीन को पछाड़ दिया है। चीन इस सूची में 82वें पायदान पर है।

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भारत की अक्षय ऊर्जा मामले में हुई इस बढ़त के लिए राजनैतिक नेतृत्व की भी तारीफ़ जरूर होनी चाहिए। क्योंकि भारत सरकार द्वारा लगातार पर्यावरण के लिए उठाए जाने वाले कदमों के कारण ही भारत की अक्षय ऊर्जा की क्षमता 73 गीगावाट हुई है, जोकि देश की कुल ऊर्जा उत्पादन का 20 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जटिल और पुराने ऊर्जा सिस्टम होने के बावजूद भी भारत तेजी से अक्षय उर्जा की ओर कदम बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।

आज भारत में अक्षय ऊर्जा का उत्पादन अब परंपरागच ऊर्जा से अधिक होने लगा है। जिसका मुख्य कारण सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी है। देश में अक्षय ऊर्जा के विस्तार को देखकर लगता है कि भारत इस क्षेत्र में और अधिक तेजी से विकास करेगा। इसके लिए सुदूर के क्षेत्रों में सुरक्षाबल भी स्थानीय लोगों को अक्षय ऊर्जा के प्रयोंग के लिए जागरूक करने के लिए प्रयासरत है।

WEF की रिपोर्ट के अनुसार अक्षय ऊर्जा उत्पादन के मामले में शीर्ष स्थानों पर 10 यूरोपीय देश हैं।

  • स्वीडन
  • स्विटजरलैंड
  • नॉर्वे
  • फिनलैंड
  • डेनमार्क
  • ऑस्ट्रिया
  • यूनाइटेड किंगडम
  • फ्रांस
  • नीदरलैंड
  • आइसलैंड

अक्षय ऊर्जा क्या है?

अक्षय ऊर्जा वह ऊर्जा है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती, तथा जिनके स्त्रोतों का क्षय नहीं होता या फिर जिनके स्रोतों का पुन: इस्तेमाल होता रहा है। पवन ऊर्जा, जलविद्युत ऊर्जा, ज्वारभाटा से प्राप्त ऊर्जा, बायोमास, सौर ऊर्जा आदि अक्षय ऊर्जा के कुछ उदाहरण हैं।

कुछ समय पहले आए सरकार के आँकड़ों के अनुसार देश की अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 58, 300 मेगावॉट है। सरकार ने 2022 तक इसे बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट रखने का लक्ष्य रखा है। जिसमें 1,00,000 मेगावाट क्षमता सौर ऊर्जा की होगी। इसी के साथ बता दें कि आईए (अंतराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया था कि 2022 तक भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता दोगुने से अधिक हो जाएगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया