72 दिन से दरभंगा से गायब है 14 साल की बच्ची, पीड़ित परिवार की गुहार अनसुनी: पुलिस का गजब लॉजिक, कहा- फोन बंद आ रहे इसलिए खोजने में हो रही देरी

दरभंगा से अगवा की गई नाबालिग का अब तक सुराग नहीं (प्रतीकात्मक चित्र)

बिहार के दरभंगा जिले से 14 साल की एक बच्ची फरवरी से ही गायब है। पीड़ित परिवार सोशल मीडिया से लेकर हर जगह गुहार लगा रहा है, लेकिन पुलिस के हाथ 72 दिन बाद भी खाली हैं। पीड़ित परिवार ने इस संबंध में नामजद मामला दर्ज करवाया है। उनका दावा है कि उन्हें आरोपितों की ओर से लगातार धमकी दी जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने पुलिस पर भी एक आरोपित को पकड़कर छोड़ने का आरोप लगाया है। हालाँकि पुलिस ने इस दावे को नकार दिया है।

इस संबंध में 13 फरवरी 2022 को लड़की को अगवा करने की शिकायत दर्ज हुई थी। पीड़ित पक्ष ने 4 लोगों को नामजद किया है।

नाना के घर से अपहरण

जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपित और लड़की दोनों नाबालिग हैं। दोनों मधुबनी जिले के रहने वाले हैं। पीड़िता घोघरडीहा थाना क्षेत्र की रहने वाली है, जबकि आरोपित फुलपरास थान क्षेत्र से है। पीड़ित पिता द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, “मेरी 14 साल की नाबालिग बेटी अपने नाना के घर दरभंगा के घनश्यामपुर थानक्षेत्र में गई थी। यहीं से 13 फरवरी 2022 को उसका अपहरण कौशलेन्द्र कुमार उनके 2 बेटों और पत्नी सावित्री देवी ने कर लिया। उस दिन सभी पुरुष बाहर थे। घर में मेरी बेटी के अलावा 2 महिलाएँ थीं। अचानक ही आरोपित अपनी कार स्विफ्ट डिजायर से आए और मेरी बेटी को जबरन साथ ले गए।” शिकायत पर पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ 366 (A) / 34 IPC के साथ पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर लिया। पीड़ित पिता का कहना है कि अपहरण से 1 दिन पहले लड़के के पिता उनके घर आए थे और उनकी बेटी की शादी अपने बेटे से कराने की धमकी दी थी।

पीड़ित परिवार को मिल रही हैं धमकियाँ

पीड़ित पिता का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेटी को खोजने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं। पीड़िता के भाई ने ऑपइंडिया को बताया, “अपहरण के बाद 19 अप्रैल 2022 (मंगलवार) को सुबह 11.40 और शाम 6 बजे अनजान नम्बरों से मेरे पिता को धमकी भरे फोन आए। इन धमकियों की शिकायत हमने स्थानीय थाने में की है।”

धमकियों की शिकायत कॉपी

फोन बंद आ रहे, इसलिए खोजने में हो रही देरी: पुलिस

इस केस के जाँच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार झा ने ऑपइंडिया को बताया, “लड़की की तलाश में कई जगह छापेमारी कर चुके हैं। आरोपित और लड़की दोनों के फोन बंद आ रहे हैं इसलिए खोजने में देर लग रही है। आरोपितों के कई रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी पुलिस बल जा चुका है। आरोपित के घर पर सिर्फ कुछ बुजुर्ग मिलते हैं, जिनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है। पीड़ित परिवार को धमकियाँ मिलने पर हमने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करने को कहा था। इस केस में सभी 4 आरोपित फरार हैं। उच्चाधिकारियों से निर्देश हैं कि लड़की के बरामद होने के बाद उसके बयान के आधार पर ही आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई हो। किसी को पकड़ कर छोड़ दिए जाने की बात गलत है।’

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।